क्या एसआईआर मुद्दे पर बहस गरमाई? सपा सांसदों ने आरोप लगाए, भाजपा ने किया खंडन

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क्या एसआईआर मुद्दे पर बहस गरमाई? सपा सांसदों ने आरोप लगाए, भाजपा ने किया खंडन

सारांश

क्या एसआईआर मुद्दे पर बहस गरमाई? बिहार में मतदाता पुनरीक्षण की पहली सूची जारी होने पर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जानिए इस राजनीतिक झगड़े के पीछे की सच्चाई और दोनों पक्षों के तर्क।

Key Takeaways

  • विपक्ष ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए हैं।
  • मतदाता पुनरीक्षण की सूची जारी की गई है।
  • संसद में बहस की मांग हो रही है।
  • भाजपा ने आरोपों का खंडन किया है।
  • इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के तर्क हैं।

नई दिल्ली, ६ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता पुनरीक्षण की पहली सूची चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई है। इसके चलते विपक्ष लगातार हमलावर है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस पर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा कि सरकार संसद में बहस से बच रही है तथा विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है।

अखिलेश यादव ने कहा, "हम लोकसभा में बहस करने आए हैं, लेकिन सरकार हमारी बातें सुनने को तैयार नहीं है। हम एसआईआर पर लगातार आवाज उठाते रहेंगे।"

उन्होंने केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, "लोकसभा चर्चा के लिए है। जब चर्चा होगी, तो सरकार को जवाब देना पड़ेगा कि वोट क्यों काटे जा रहे हैं, नाम क्यों डिलीट हो रहे हैं, और बूथों से नाम क्यों हटाए जा रहे हैं। भाजपा वाले वोटर आईडी और आधार कार्ड ५ मिनट में कैसे बनवा लेते हैं? ये सब सवाल हैं, जिनका जवाब सरकार को देना चाहिए।"

सपा सांसद हरेंद्र सिंह मलिक ने कहा, "हम एसआईआर पर चर्चा की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार स्पष्ट रूप से इससे बच रही है।"

वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, "यह सरकार लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव आयोग चुप है और सरकार के साथ मिलकर काम करता नजर आ रहा है।"

इन आरोपों का भाजपा की ओर से जवाब दिया गया। भाजपा सांसद तोखन साहू ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, "विपक्ष केवल जनता को भ्रमित कर रहा है। अगर उन्हें कोई समस्या है, तो उन्हें चुनाव आयोग के पास जाकर आपत्ति दर्ज करानी चाहिए। लेकिन वे संसद में कार्यवाही नहीं चलने दे रहे हैं और न ही औपचारिक आपत्ति दर्ज करवा रहे हैं।"

भाजपा सांसद किरण चौधरी ने कहा, "एसआईआर पूरी तरह से चुनाव आयोग का काम है, इसमें हमारा कोई हस्तक्षेप नहीं होता। हर चुनाव से पहले चुनाव आयोग वोटर लिस्ट की सत्यता जांचता है क्योंकि कई बार लोगों की मृत्यु हो जाती है या वे स्थान बदल लेते हैं। इसलिए वोटर लिस्ट को अपडेट करना जरूरी होता है।"

लोकसभा में इस मुद्दे को लेकर दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस देखने को मिली। जहां एक ओर विपक्ष इस विषय पर चर्चा की मांग कर रहा है, वहीं सरकार और भाजपा सांसदों का कहना है कि यह चुनाव आयोग का विषय है और संसद को बाधित करना गलत है।

Point of View

सरकार का यह कर्तव्य है कि वह चुनाव आयोग के फैसलों का सम्मान करे। अंतत: यह लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है कि सभी पक्ष संवाद करें और जनता के हित में काम करें।
NationPress
07/08/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर क्या है?
एसआईआर का मतलब है 'सॉर्टिंग इन्फॉर्मेशन रिवाइजित', जो मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया का हिस्सा है।
मतदाता पुनरीक्षण का महत्व क्या है?
मतदाता पुनरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदान सूची में सही और अद्यतन जानकारी हो ताकि सभी योग्य मतदाता मतदान कर सकें।
क्या चुनाव आयोग पर विश्वास किया जा सकता है?
चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और इसे निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए स्थापित किया गया है।
क्या संसद में इस मुद्दे पर बहस होनी चाहिए?
हां, संसद में इस मुद्दे पर बहस होना लोकतंत्र का हिस्सा है और यह महत्वपूर्ण है कि सभी पक्ष अपनी बात रखें।
भाजपा का इस मुद्दे पर क्या कहना है?
भाजपा का कहना है कि यह चुनाव आयोग का विषय है और इसमें उनका हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।