क्या एसआईआर पर घमासान सही है? विपक्ष ने वोटर लिस्ट में फेरबदल का आरोप लगाया, भाजपा ने कहा- भ्रम फैला रहे हैं विपक्षी नेता

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क्या एसआईआर पर घमासान सही है? विपक्ष ने वोटर लिस्ट में फेरबदल का आरोप लगाया, भाजपा ने कहा- भ्रम फैला रहे हैं विपक्षी नेता

सारांश

बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर संसद में हंगामा मचा हुआ है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार वोटों को घटाने की कोशिश कर रही है, जबकि भाजपा ने इसे विपक्ष की दादागिरी बताया है। जानिए इस मुद्दे के पीछे की सच्चाई क्या है।

Key Takeaways

  • बिहार में मतदाता सूची के एसआईआर पर हंगामा जारी है।
  • कांग्रेस ने वोटरों के नाम हटाने का आरोप लगाया है।
  • सरकार ने इसे विपक्ष की दादागिरी बताया है।
  • शिवसेना सांसद ने इसे सोची-समझी रणनीति बताया है।
  • जदयू सांसद ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया को सही बताया है।

नई दिल्ली, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद के मानसून सत्र में बिहार के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुद्दे पर विपक्ष ने लगातार सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने एसआईआर पर सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बिहार में मतदाताओं की संख्या में कमी की जा रही है।

रंजीत रंजन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "बिहार में जो गतिविधियाँ चल रही हैं, उनमें लगभग 50 लाख वोटरों के नाम हटाने की संभावना है। हमें पता चला है कि 18 लाख लोग मृत पाए गए हैं और 7 लाख लोगों के नाम डुप्लीकेट हैं। इसके अलावा, 26 लाख लोग बिहार के बाहर हैं। इसके बावजूद, लोगों से कोई रिसीविंग नहीं ली गई है, जो एक बड़ा घपला है। बिहार में लोकतंत्र का उल्लंघन हो रहा है और लाखों लोगों के वोट के अधिकार को मनमानी तरीके से छीना जा रहा है। विपक्ष इस अन्याय को सहन नहीं करेगा और जब तक चुनाव आयोग मतदाताओं के अधिकार को वापस नहीं करेगा, हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा।"

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एसआईआर पर कहा, "मतदाताओं को उनके मताधिकार से वंचित करना एक सोची-समझी रणनीति है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट ने वैध मतदाता पहचान पत्र को एसआईआर में शामिल करने के लिए कहा था, लेकिन ये दस्तावेज नागरिकता के लिए मान्य नहीं हैं। क्या ये दस्तावेज लोगों के घरों में झांकने के लिए हैं?" उन्होंने यह भी कहा कि यह मॉडल असम और पश्चिम बंगाल में भी लागू किया जाएगा।"

विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "एसआईआर पर विपक्ष दादागिरी कर रहा है। लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा जारी किए गए नोटिस के बावजूद वे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह केवल दादागिरी है। बिहार में एसआईआर के मुद्दे पर विधानसभा और संसद में गुंडागर्दी की जा रही है। विपक्ष जानबूझकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है।"

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर विपक्ष के विरोध प्रदर्शन पर जदयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा, "बिहार में चुनाव आयोग सही काम कर रहा है। यदि किसी की मृत्यु हो गई है, तो क्या उसका वोट फर्जी तरीके से डाला जाना चाहिए? अगर किसी का नाम दो जगहों पर है, तो क्या वह दोनों जगहों पर वोट दे सकता है? चुनाव आयोग ने बहुत सही काम किया है।" जानकारी के अनुसार, कल तक 98 प्रतिशत वोटरों ने आवेदन कर दिया है। इस सर्वे का उद्देश्य बोगस वोटरों को सूची से हटाना है।

Point of View

जिसमें विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार जानबूझकर वोटरों की संख्या में कमी कर रही है। दूसरी तरफ, सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया सही तरीके से चल रही है। यह मुद्दा लोकतंत्र के मौलिक सिद्धांतों से जुड़ा है, इसलिए सभी पक्षों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या एसआईआर प्रक्रिया में कोई अनियमितता है?
विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया में कई मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं, जो उचित नहीं है।
सरकार एसआईआर के बारे में क्या कह रही है?
सरकार का कहना है कि वे सही तरीके से काम कर रहे हैं और बोगस वोटरों को हटाना आवश्यक है।