क्या प्रोटीन सिर्फ बॉडीबिल्डर के लिए जरूरी है या हर इंसान के लिए?

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क्या प्रोटीन सिर्फ बॉडीबिल्डर के लिए जरूरी है या हर इंसान के लिए?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि प्रोटीन केवल बॉडीबिल्डर्स के लिए नहीं, बल्कि हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है? जानें क्यों प्रोटीन हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक तत्व है और इसकी कमी से क्या खतरे हो सकते हैं।

Key Takeaways

  • प्रोटीन हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है।
  • यह मांसपेशियों और त्वचा के लिए महत्वपूर्ण है।
  • प्रोटीन की कमी से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
  • सही आहार में कार्बोहाइड्रेट और हेल्दी फैट होना चाहिए।
  • शाकाहारियों को प्रोटीन के स्रोतों का ध्यान रखना चाहिए।

नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बहुत से लोग यह मानते हैं कि प्रोटीन केवल बॉडीबिल्डर्स या जिम जाने वालों के लिए अनिवार्य है, लेकिन असलियत यह है कि यह हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है, चाहे आप जिम जाती हों या नहीं। प्रोटीन हमारे शरीर के प्रत्येक तत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारे मांसपेशियों, बालों, त्वचा, नाखूनों, हार्मोन्स, एंजाइम्स और इम्यून सिस्टम का आधार प्रोटीन है।

आसान शब्दों में कहें तो प्रोटीन हमारे शरीर की मरम्मत और निर्माण की कार्यशाला है। जब हमारा शरीर क्षतिग्रस्त होता है या चोट लगती है, तो प्रोटीन ही उसे सुधारने का कार्य करता है। इसी कारण डॉक्टर बीमारी, सर्जरी या चोट के बाद हमेशा उच्च प्रोटीन आहार लेने की सलाह देते हैं।

आम तौर पर, एक सामान्य वयस्क को अपने वजन के प्रति किलो पर लगभग ०.८ ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। यदि आप सक्रिय हैं या व्यायाम करते हैं, तो यह बढ़कर १.२ से १.५ ग्राम तक हो सकता है। बुजुर्गों या रिकवरी में रहने वालों के लिए यह १.० से १.२ ग्राम होना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आपका वजन ६० किलो है, तो आपको प्रतिदिन लगभग ४८ से ६० ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए। यह इतना कठिन नहीं है, क्योंकि हमें प्रोटीन हमारी रोजमर्रा की खाने की चीजों से भी मिल सकता है, जैसे सोयाबीन, मूंगफली, दालें, राजमा, पनीर, बादाम और छोले।

यदि शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है तो इसके लक्षण धीरे-धीरे प्रकट होते हैं। मांसपेशियों में कमजोरी, जल्दी थकान, बालों का झड़ना और त्वचा का ढीला होना इसके संकेत हैं। बच्चों में वृद्धि रुक सकती है और बुजुर्गों में गिरने का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा, बार-बार संक्रमण होना या घाव का धीरे भरना भी प्रोटीन की कमी का संकेत हो सकता है। लंबी अवधि में यह स्थिति सार्कोपेनिया और प्रोटीन ऊर्जा मलन्यूट्रिशन जैसी गंभीर बीमारियों में बदल सकती है।

सिर्फ प्रोटीन खाना ही पर्याप्त नहीं है। प्रोटीन को सही तरीके से कार्य करने के लिए पर्याप्त पानी पीना भी आवश्यक है। इसके साथ ही, कार्बोहाइड्रेट और हेल्दी फैट भी आहार में होना चाहिए। शाकाहारी लोगों के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वे दाल और चावल या गेहूं और चने को मिलाकर खाएं, ताकि उनका शरीर सभी आवश्यक अमीनो एसिड प्राप्त कर सके, जिसे कम्पलीट प्रोटीन कहा जाता है। इसके अलावा, दालों और बीजों को रात भर भिगोकर या अंकुरित करके खाने से उनका प्रोटीन आसानी से अवशोषित हो जाता है।

Point of View

बल्कि शरीर के विकास और मरम्मत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश के सभी नागरिकों को प्रोटीन की सही मात्रा का ध्यान रखना चाहिए।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

प्रोटीन की कमी के क्या लक्षण होते हैं?
प्रोटीन की कमी से मांसपेशियों में कमजोरी, जल्दी थकान, बालों का झड़ना, और त्वचा का ढीला होना हो सकता है।
प्रोटीन का सही सेवन कैसे करें?
प्रोटीन का सेवन दालें, सोयाबीन, मूंगफली, और अन्य पौधों से प्राप्त किया जा सकता है।
क्या सभी को समान मात्रा में प्रोटीन की आवश्यकता होती है?
नहीं, एक सामान्य वयस्क को प्रति किलो वजन पर लगभग 0.8 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। यह व्यायाम करने वालों के लिए अधिक हो सकता है।
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