क्या प्रधानमंत्री मोदी के पंजाब दौरे से पहले सिसोदिया ने बाढ़ राहत के लिए 60 हजार करोड़ रुपये मांगे?

सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार से बाढ़ राहत के लिए 60 हजार करोड़ रुपये की मांग।
- प्रधानमंत्री मोदी का 9 सितंबर को पंजाब दौरा।
- किसानों के लिए विशेष नीति पर काम कर रही पंजाब सरकार।
- बाढ़ ने किसानों को गंभीर संकट में डाल दिया है।
- आम आदमी पार्टी के स्वयंसेवक राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
चंडीगढ़, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने रविवार को बताया कि केंद्र ने विनाशकारी बाढ़ के बाद पंजाब की सहायता के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को राज्य का दौरा करने वाले हैं।
उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल राहत की घोषणा करने की अपील करते हुए कहा कि "पंजाब के लोगों पर आधिकारिक तौर पर 60 हजार करोड़ रुपये बकाया हैं।"
सिसोदिया ने चंडीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए कहा, "मेरे अनुमान के अनुसार, व्यापक बाढ़ के कारण बहुत बड़े पैमाने पर राहत की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री मोदी भी पंजाब आ रहे हैं, यह एक सकारात्मक बात है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से फोन पर भी बातचीत की है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री मान से बात की है और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब का दौरा किया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। पंजाब अब मदद की उम्मीद कर रहा है। केंद्र को जल्द ही कुछ घोषणा करनी चाहिए।"
उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी के नेता हाल ही में तरनतारन और कपूरथला जैसे बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा कर चुके हैं। कई खेतों में दो फुट से अधिक रेत जमा हो गई है। किसान पूछ रहे हैं कि इसे कैसे हटाया जाएगा। यदि यह रेत जमा रही तो उपजाऊ भूमि हमेशा के लिए बर्बाद हो जाएगी।
सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार किसानों को अपने खेतों से रेत हटाने की अनुमति देने के लिए एक विशेष नीति पर काम कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकारी नीतियां वर्तमान में बिना अनुमति के खनन पर रोक लगाती हैं, लेकिन मुख्यमंत्री मान ने मुझे विश्वास दिलाया है कि इस पर ध्यान दिया जाएगा। अगले 2-3 दिनों में, जब वह अपनी बीमारी से ठीक हो जाएंगे, तो इस नीति की औपचारिक घोषणा की जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि आम आदमी पार्टी के नेता और स्वयंसेवक जमीनी स्तर पर राहत कार्यों में शामिल हैं।
सिसोदिया ने कहा कि मैं स्वयं कई गांवों में गया, अपनी टीमों का मनोबल बढ़ाया और लोगों से प्रतिक्रिया ली। हर जगह एक ही चिंता है। किसान अपनी फसलों और अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।