क्या सोलन की 100 गलियों-सड़कों को सार्वजनिक मार्ग घोषित किया जाएगा?
सारांश
Key Takeaways
- सोलन में 100 गलियों और सड़कों को सार्वजनिक मार्ग घोषित किया जाएगा।
- नगर निगम ने कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रिया शुरू की है।
- आपत्ति दर्ज करने की अंतिम तिथि 30 दिन है।
- सड़कें निगम की संपत्ति बन जाएंगी।
- यह कदम शहर के विकास को गति देगा।
सोलन, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर के विकास को तेज करने और सड़कों के स्वामित्व को कानूनी रूप से सुरक्षित करने के उद्देश्य से नगर निगम ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
नगर निगम कमिश्नर एकता कपटा ने जानकारी दी कि शहर की लगभग 100 गलियों और सड़कों को 'पब्लिक स्ट्रीट' घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन रास्तों की सूची पहले ही तैयार की जा चुकी है और संबंधित प्रक्रिया पूरी होने पर ये निगम की संपत्ति बन जाएंगे।
कमिश्नर एकता कपटा ने बताया कि शहर में कई ऐसे रास्ते हैं, जहां नगर निगम और पूर्व नगर परिषदों ने लाखों रुपये खर्च करके विकास कार्य किए हैं। इन पर सड़कें बनाई गईं, स्ट्रीट लाइट लगाई गईं और अन्य सुविधाएं दी गईं, लेकिन कानूनी और तकनीकी कारणों से इन्हें अब तक सार्वजनिक मार्ग नहीं घोषित किया जा सका।
वर्तमान में इन रास्तों का स्वामित्व निजी भूस्वामियों के नाम पर दर्ज है। इससे भविष्य में अतिक्रमण, सड़क को नुकसान पहुंचाने या स्वामित्व को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो सकती है। इन समस्याओं से बचने और कानूनी स्थिति को मजबूत करने के लिए इन रास्तों को निगम के अधीन लाना आवश्यक हो गया है।
एकता कपटा ने आगे बताया कि हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम की धारा 226 के तहत इन सभी रास्तों के लिए नोटिस जारी कर दिए गए हैं। यदि किसी व्यक्ति या भूस्वामी को इन रास्तों को पब्लिक स्ट्रीट घोषित करने पर कोई आपत्ति है, तो वह 30 दिनों के भीतर अपनी आपत्ति लिखित रूप में नगर निगम में दर्ज करा सकता है। यदि निर्धारित समय में कोई आपत्ति नहीं आती या आपत्तियों की सुनवाई के बाद कोई वैध आधार नहीं मिलता, तो ये रास्ते स्वतः सार्वजनिक मार्ग घोषित हो जाएंगे।
इसके बाद इन सड़कों और गलियों का नामकरण किया जाएगा और पहचान के लिए साइन बोर्ड भी लगाए जाएंगे। कमिश्नर ने शहरवासियों से अपील की है कि यदि किसी को कोई आपत्ति है तो वह समय पर दर्ज कराए, ताकि प्रक्रिया पारदर्शी और कानूनी रूप से मजबूत रहे। यह कदम शहर के आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाएगा और भविष्य में विकास कार्यों में आने वाली बाधाओं को दूर करेगा।