क्या हिमाचल प्रदेश के सोलन में अधिवक्ता दिवस धूमधाम से मनाया गया?
सारांश
Key Takeaways
- वकीलों की भूमिका समाज में महत्वपूर्ण है।
- आधुनिक समय में वकीलों की सुरक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है।
- कार्यक्रम ने वकीलों के अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाई।
- समाज सेवा के माध्यम के रूप में वकालत को महत्वपूर्ण माना गया।
- एकता और भाईचारे का संकल्प किया गया।
सोलन, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के सोलन में अधिवक्ता दिवस को बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। बार एसोसिएशन सोलन ने जिला न्यायालय परिसर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों वकीलों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य वकीलों की समाज और न्याय व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करना और उनके अधिकारों एवं कर्तव्यों की पुनः याद दिलाना था।
कार्यक्रम में बार एसोसिएशन सोलन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक ठाकुर ने कहा कि अधिवक्ता न्याय का चौथा खंभा हैं और उनकी सक्रिय भागीदारी के बगैर न्याय प्रणाली अधूरी है। उन्होंने बताया कि आम जनता को उनके हक दिलाना और संविधान की रक्षा करना वकीलों का परम कर्तव्य है। ठाकुर ने युवा अधिवक्ताओं से अनुरोध किया कि वे हमेशा ईमानदारी, अनुशासन और सेवा भाव से अपने पेशे का निर्वहन करें, क्योंकि एक गलत कदम पूरे समुदाय की साख को नुकसान पहुंचा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान, वरिष्ठ अधिवक्ताओं का विशेष सम्मान किया गया, जिन्होंने दशकों तक न केवल अदालतों में न्याय की लड़ाई लड़ी, बल्कि गरीब और जरूरतमंद लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता भी प्रदान की। सम्मानित वकीलों में कई ऐसे नाम शामिल थे जिन्होंने अपने लंबे करियर में सैकड़ों मुकदमों में गरीबों का पक्ष मजबूती से रखा। इस अवसर पर उपस्थित सभी अधिवक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि वकालत कोई व्यवसाय नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम है।
कार्यक्रम में संविधान, कानून के शासन और न्यायिक व्यवस्था में सुधार पर गहन चर्चा हुई। वक्ताओं ने यह भी चिंता व्यक्त की कि आज के दौर में वकीलों पर हमले बढ़ रहे हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व है। अंत में, सभी अधिवक्ताओं ने एकता की शपथ ली और आपसी भाईचारे को और मजबूत करने का संकल्प लिया।
बार अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर ने सभी साथियों को अधिवक्ता दिवस की हार्दिक बधाई दी और आश्वासन दिया कि बार एसोसिएशन सोलन भविष्य में भी वकीलों के हितों और सम्मान के लिए हर मंच पर आवाज उठाता रहेगा। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। उपस्थित सभी अधिवक्ताओं के चेहरों पर गर्व और संकल्प की झलक स्पष्ट थी।