क्या प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा में 'वंदे मातरम' पर चर्चा शुरू करेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी 'वंदे मातरम' को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा करेंगे।
- यह चर्चा राजनीतिक दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकती है।
- विपक्ष और सत्ताधारी पार्टी के बीच टकराव की संभावना है।
नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को लोकसभा में ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने के अवसर पर एक महत्वपूर्ण चर्चा की शुरुआत करेंगे।
पीएम मोदी बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित और 7 नवंबर 1875 को साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में पहली बार प्रकाशित इस राष्ट्रीय गीत के आज़ादी की लड़ाई में योगदान, इसके ऐतिहासिक महत्व और आज की प्रासंगिकता पर भी विचार करेंगे।
विपक्षी सदस्य पीएम मोदी के इस गीत पर विचारों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पिछले महीने, इस गीत की सालगिरह मनाने के एक कार्यक्रम में, उन्होंने कांग्रेस पर फैजाबाद में पार्टी के 1937 के सत्र में असली गीत से 'ज़रूरी पंक्तियां हटाने' का आरोप लगाया था।
पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस के फैसले ने बंटवारे के बीज बोए और राष्ट्रगीत को टुकड़ों में बाँट दिया। हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि यह निर्णय रवींद्रनाथ ठाकुर की सलाह पर लिया गया था और यह विभिन्न समुदायों और धर्मों के सदस्यों की भावनाओं का ध्यान रखने वाला था।
राज्यसभा में 'वंदे मातरम' पर चर्चा मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा शुरू की जा सकती है।
वंदे मातरम से जुड़ी बहस के कार्यक्रम के अनुसार, सत्ताधारी एनडीए के सदस्यों को लोकसभा में निर्धारित कुल 10 घंटों में से तीन घंटे इस विषय पर दिए गए हैं।
इससे पहले, शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले एक राजनीतिक टकराव उत्पन्न हुआ, जब राज्यसभा सचिवालय ने सांसदों को संसद के अंदर 'वंदे मातरम' और 'जय हिंद' जैसे शब्दों का उपयोग करने से बचने का निर्देश दिया।
विपक्ष ने भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए पर भारत की आज़ादी और एकता के प्रतीकों से असहज होने का आरोप लगाया है। संसद का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा और आने वाले दिनों में ‘वंदे मातरम’ पर चर्चा हंगामेदार रहने की संभावना है, क्योंकि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस गीत को लेकर विभिन्न दृष्टिकोण हैं।