क्या सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने वीर अब्दुल हमीद को श्रद्धांजलि दी?

सारांश
Key Takeaways
- वीर अब्दुल हमीद का बलिदान हमें प्रेरित करता है।
- सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि वे ऐसे वीरों को सम्मान दें।
- सपा सांसद ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।
- पड़ोसी देशों में शांति का महत्व समझाया।
- सामाजिक मुद्दों पर चर्चा आवश्यक है।
गाजीपुर, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के धामपुर में परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद का आठवां शहादत दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने वीर अब्दुल हमीद को सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बताते हुए कहा कि ऐसे वीरों को सम्मान देना हर नागरिक का कर्तव्य है।
समाजवादी पार्टी (सपा) से सांसद धर्मेंद्र यादव ने वीर अब्दुल हमीद और उनकी पत्नी रसूलन बीबी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा।
नेपाल और बांग्लादेश पर हुए हमलों पर यादव ने कहा, "भारत के पड़ोसी देशों में शांति होनी चाहिए और उन्हें उम्मीद है कि भारत सरकार इस दिशा में जिम्मेदारी से काम कर रही होगी।"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ और उनके 'मोदी के दोस्त' कहे जाने पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत दोस्ती का लाभ देश के 140 करोड़ लोगों को मिलना चाहिए।
उन्होंने याद दिलाया कि जब ट्रंप ने पहले दोस्ती स्वीकार नहीं की थी, तब उन्होंने भारत पर टैरिफ लगाकर कई उद्योगों को चौपट कर दिया था। भदोही जनपद में कालीन उद्योग इसका एक प्रमुख उदाहरण है।
धर्मेंद्र यादव ने केंद्र सरकार को "मजबूत नहीं, बल्कि मजबूर और बैसाखियों की सरकार" बताया। उपराष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ वोट अमान्य हुए थे, लेकिन क्रॉस वोटिंग नहीं हुई थी।
जहूराबाद विधानसभा सीट से नूरिया अंसारी के चुनाव लड़ने की अटकलों पर यादव ने कहा, "इस पर अंतिम फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अफजल अंसारी मिलकर लेंगे। इस बार जहूराबाद सीट हर हालत में समाजवादी पार्टी के पाले में जाएगी।"
अब्बास अंसारी के मामले पर उन्होंने कहा कि अंसारी के बरी होने और सदस्यता बहाल होने में कई अड़चनें आईं। जिस दिन कोर्ट ने सजा सुनाई थी, उसी दिन रविवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था, लेकिन उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद भी सदस्यता बहाल करने में देरी की गई। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी इन सभी घटनाओं पर नज़र बनाए हुए है।