क्या एसआरएस ग्रुप के प्रमोटर प्रवीण कुमार कपूर अमेरिका से भारत निर्वासित हुए?
सारांश
Key Takeaways
- प्रवर्तन निदेशालय की सख्त कार्रवाई
- अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण
- मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप
- एसआरएस ग्रुप के खिलाफ जांच जारी
- दोषियों को दंडित करने की आवश्यकता
नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गुरुग्राम जोनल इकाई के अनुरोध पर इंटरपोल द्वारा जारी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर एसआरएस ग्रुप के सह-संस्थापक और प्रमोटर प्रवीण कुमार कपूर को अमेरिकी अधिकारियों ने भारत प्रत्यर्पित कर दिया है। कपूर को न्यूर्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट (यूएसए) पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। इसके साथ ही, उनका बी1/बी2 वीजा रद्द कर दिया गया। उन्हें 2 नवंबर को नई दिल्ली भेजा गया, जहां ईडी की ओर से जारी लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) के तहत उन्हें संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने गिरफ्तार कर लिया।
प्रवर्तन निदेशालय ने एसआरएस ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच उन 81 एफआईआरों के आधार पर शुरू की थी, जो फरीदाबाद, दिल्ली और सीबीआई में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई थीं। इन मामलों में ग्रुप पर निवेशकों और बैंकों को करीब 2200 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
ईडी की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि एसआरएस ग्रुप के प्रमोटरों ने निवेशकों को ऊंचे मुनाफे का लालच देकर अपने रिहायशी और वाणिज्यिक प्रोजेक्ट्स में निवेश करने के लिए प्रेरित किया। निवेशकों से जुटाई गई रकम को सैकड़ों शेल कंपनियों में स्थानांतरित कर धन शोधन के जरिए गैरकानूनी रूप से उपयोग किया गया। इस मामले में अब तक 2215.98 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया जा चुका है।
प्रवीण कुमार कपूर के अलावा एसआरएस ग्रुप के दो अन्य निदेशक जितेंद्र कुमार गर्ग और सुनील जिंदल भी कई वर्षों से फरार चल रहे हैं और जांच से बचते रहे हैं। कपूर को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दाखिल प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट में आरोपी बनाया गया था, जिस पर पीएमएलए की विशेष अदालत, गुरुग्राम ने संज्ञान लिया है और आरोप तय करने की प्रक्रिया जारी है।
ईडी के प्रयासों के चलते विशेष न्यायालय, पीएमएलए गुरुग्राम ने प्रवीण कुमार कपूर के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था और उन्हें घोषित अपराधी घोषित किया गया था। साथ ही, फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट (एपईओए) के तहत भी प्रवीण कुमार कपूर, जितेंद्र कुमार गर्ग और सुनील जिंदल को फरार आर्थिक अपराधी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
ईडी अब अन्य फरार निदेशकों, जितेंद्र गर्ग और सुनील जिंदल की वापसी और प्रत्यर्पण सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है। एजेंसी ने कहा कि मामले की जांच जारी है।