क्या एसटी हसन ने ऑपरेशन कालनेमि का समर्थन किया, बोले- 'फर्जी बाबाओं को मिलनी चाहिए सजा'?

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क्या एसटी हसन ने ऑपरेशन कालनेमि का समर्थन किया, बोले- 'फर्जी बाबाओं को मिलनी चाहिए सजा'?

सारांश

मुरादाबाद के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने उत्तराखंड सरकार के ऑपरेशन कालनेमि का समर्थन किया। उन्होंने फर्जी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई को सही दिशा में कदम बताया और कई अन्य मुद्दों पर भी अपनी बातें साझा की। जानें उनके विचार और बिहार की स्थिति पर उनकी राय।

Key Takeaways

  • ऑपरेशन कालनेमि का समर्थन किया गया है।
  • फर्जी बाबाओं को सजा मिलनी चाहिए।
  • बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।
  • दलितों और ओबीसी को अंतरिक्ष मिशन में शामिल करने का समर्थन।
  • सामाजिक भेदभाव की प्रथाओं पर चिंता।

मुरादाबाद, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाए गए ऑपरेशन कालनेमि के तहत फर्जी बाबाओं के खिलाफ उठाए गए कदमों का पूर्व समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद डॉ. एसटी हसन ने स्वागत किया है। पूर्व सांसद ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कई मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की।

डॉ. एसटी हसन ने कहा कि जो लोग सनातनी वेशभूषा में भोले-भाले लोगों को ठग रहे हैं, वे साधु नहीं हैं। ऐसे लोग केवल धंधा चला रहे हैं, जो न केवल लोगों को लूटते हैं, बल्कि इंसानों की बलि चढ़वाने जैसी घृणित हरकतें भी करते हैं। इन्हें जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए। फर्जी लोगों को कानून के अनुसार सजा मिलनी ही चाहिए।

कुंवर दानिश अली के कांवड़ यात्रा और नमाज को लेकर दिए गए बयान का समर्थन करते हुए हसन ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान एक महीने तक सड़कें बंद रहती हैं, लेकिन ईद की नमाज के लिए एक घंटे की सड़क बंदी पर आपत्ति जताई जाती है। यह दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए। कांवड़ यात्रा के लिए अलग रास्ता होना चाहिए ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

बिहार में मुकेश सैनी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों पर हसन ने गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष, खासकर मुस्लिम वोटों को रोहिंग्या या बांग्लादेशी के नाम पर काटा जा रहा है, तो यह बहुत बड़ा अन्याय है। बिहार में मुसलमानों की बड़ी जनसंख्या है और यदि ऐसी साजिश हो रही है, तो यह अनर्थ का कारण बन सकता है। चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली निष्पक्ष नहीं दिख रही और यह सत्तारूढ़ दल के इशारे पर काम कर रहा है।

बिहार की राजधानी पटना में बढ़ती हत्याओं पर हसन ने नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब बुजुर्ग हो चुके हैं और उन्हें कुछ पता नहीं है। बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। एनडीए सरकार पूरी तरह विफल रही है। इस साल अब तक 37 हत्याएं हो चुकी हैं। ऐसे अपराधियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए।"

कांग्रेस नेता उदित राज के बयान का समर्थन करते हुए हसन ने कहा कि दलितों और ओबीसी को अंतरिक्ष मिशन में शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं शुभांशु शुक्ला को सपा की ओर से बधाई देता हूं। उन्होंने हमारे देश का मान-सम्मान बढ़ाया है। जहां देश की बात होती है, वहां पर हम सब हिंदुस्तानी हैं। मैं समझता हूं कि दलितों को भी अंतरिक्ष के अंदर भेजा जाना चाहिए। अगर दलित और ओबीसी परीक्षा पास करते हैं, तो उन्हें अंतरिक्ष में भेजा जाना चाहिए। लेकिन मौजूदा सरकार का रवैया दलितों और ओबीसी के प्रति नकारात्मक है। जमीनी स्तर पर इन समुदायों की स्थिति चिंताजनक है।" उन्होंने छुआछूत और सामाजिक भेदभाव की पुरानी प्रथाओं की वापसी पर चिंता जताई।

एसटी हसन ने आगे कहा कि अगर राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनते हैं, तो दलितों को अंतरिक्ष में भेजने का सपना साकार हो सकता है। कांग्रेस ने ही दलितों और ओबीसी को आरक्षण दिया, जिसके कारण आज वे बराबरी की स्थिति में हैं। यह कांग्रेस की देन है।

Point of View

NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन कालनेमि क्या है?
ऑपरेशन कालनेमि उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाया गया एक अभियान है, जिसका उद्देश्य फर्जी बाबाओं और गुरुजनों के खिलाफ कार्रवाई करना है।
डॉ. एसटी हसन कौन हैं?
डॉ. एसटी हसन पूर्व समाजवादी पार्टी के सांसद हैं, जो विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करते हैं।
बिहार में बढ़ती हत्याओं की क्या वजह है?
बिहार में बढ़ती हत्याओं के पीछे कानून-व्यवस्था की कमी और सामाजिक तनाव को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
फर्जी बाबाओं के खिलाफ क्या कार्रवाई होनी चाहिए?
फर्जी बाबाओं के खिलाफ कानून के तहत सजा मिलनी चाहिए, ताकि समाज में विश्वास बहाल हो सके।
क्या दलितों को अंतरिक्ष मिशन में शामिल किया जाना चाहिए?
डॉ. एसटी हसन का मानना है कि अगर दलित और ओबीसी परीक्षा पास करते हैं, तो उन्हें अंतरिक्ष में भेजा जाना चाहिए।