क्या छत्तीसगढ़ के सुकमा में 25 लाख के इनामी चैतू समेत 10 नक्सलियों ने किया सरेंडर?
सारांश
Key Takeaways
- चैतू का आत्मसमर्पण बस्तर में शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- सुकमा में 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
- सरकार की पुनर्वास नीति ने नक्सलियों को प्रभावित किया है।
- पिछले कुछ महीनों में कई वरिष्ठ नक्सली हथियार डाल चुके हैं।
- बस्तर में शांति की संभावना बढ़ी है।
जगदलपुर, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में लंबे समय से सक्रिय 25 लाख रुपए के इनामी नक्सली चैतू उर्फ श्याम दादा ने शुक्रवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
चैतू दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य था और उस पर 25 लाख रुपए का इनाम था। उसके साथ 9 अन्य माओवादी भी हथियार डालने आए। इन सभी पर कुल 65 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
चैतू को 2013 के झीरम घाटी नक्सली हमले का प्रमुख योजनाकार माना जाता है, जिसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कई बड़े नेता मारे गए थे। लंबे समय तक उसने दरभा डिवीजन की जिम्मेदारी निभाई। आत्मसमर्पण करने वाले अन्य नक्सलियों में सरोज उर्फ डीसीवीएम शामिल है, जिस पर आठ लाख रुपए का इनाम था। शेष आठ नक्सली एरिया कमेटी के सदस्य हैं। उनके नाम हैं भूपेश उर्फ सहायक राम, प्रकाश, कमलेश उर्फ झिटरू, जननी उर्फ रयमती कश्यप, संतोष उर्फ सन्नू, नवीन, रमशीला और जयती कश्यप।
पुलिस का कहना है कि जवानों के सतत एंटी-नक्सल ऑपरेशन्स, बड़े माओवादी नेताओं का आत्मसमर्पण, और राज्य सरकार की पुनर्वास नीति ने इन नक्सलियों को प्रभावित किया। पिछले कुछ महीनों में कई वरिष्ठ नक्सली हथियार डाल चुके हैं, जिससे संगठन का मनोबल गिरा है और दबाव बढ़ गया है।
सभी नक्सलियों ने पुलिस को रायफल, पिस्तौल, विस्फोटक और गोला-बारूद सौंप दिए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की सरेंडर नीति के तहत इन्हें सुरक्षा, रहने की व्यवस्था और आर्थिक मदद का आश्वासन दिया जाएगा।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि चैतू जैसे सख्त नक्सली का आत्मसमर्पण बस्तर में शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता है। इस वर्ष अब तक 150 से अधिक नक्सली या तो मारे गए हैं या आत्मसमर्पण कर चुके हैं। आने वाले दिनों में और नक्सलियों के हथियार डालने की संभावना है। बस्तर में अब शांति की राह साफ दिखाई दे रही है।