क्या सुप्रीम कोर्ट ने सिमी पर प्रतिबंध को बरकरार रखा?

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क्या सुप्रीम कोर्ट ने सिमी पर प्रतिबंध को बरकरार रखा?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट ने सिमी पर प्रतिबंध को बरकरार रखते हुए ट्रिब्यूनल के आदेश को खारिज कर दिया। क्या यह निर्णय भारत की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है? जानिए इस फैसले के पीछे की पूरी कहानी और सिमी के खतरनाक संबंधों के बारे में।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने सिमी पर प्रतिबंध को बरकरार रखा है।
  • सिमी पर आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप है।
  • भारत सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सिमी पर प्रतिबंध लगाया।
  • सिमी के लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा से संबंध हैं।
  • गृह मंत्रालय ने आधिकारिक अधिसूचना जारी की है।

नई दिल्ली, १४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर प्रतिबंध अभी भी जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। सिमी ने प्रतिबंध को पांच साल बढ़ाने के ट्रिब्यूनल के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने याचिकाकर्ता की वैधानिकता पर सवाल उठाए और याचिका पर विचार करने से मना कर दिया। याचिकाकर्ता हुमाम अहमद सिद्दीकी ने यूएपीए ट्रिब्यूनल के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें केंद्र सरकार के २९ जनवरी २०२४ के आदेश को बरकरार रखा गया।

यूएपीए ट्रिब्यूनल ने २०२४ में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर भारत सरकार के प्रतिबंध को सही ठहराया था। ट्रिब्यूनल ने कहा था, "सिमी युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ रहा है और फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन के माध्यम से सक्रिय है।" ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा था कि सिमी के लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों से संबंध हैं।

सिमी पर देश में कई आतंकी घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। जनवरी २०२४ में भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) १९६७ की धारा ३(१) के तहत सिमी पर प्रतिबंध को अगले ५ वर्षों के लिए बरकरार रखा।

एक आधिकारिक अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा, "सिमी पर राजपत्र अधिसूचना संख्या एस.ओ. ५६४(ई), दिनांक ३१ जनवरी २०१९ के माध्यम से अगले ५ वर्षों के लिए प्रतिबंध लगाया गया है।"

गृह मंत्री अमित शाह ने जानकारी देते हुए कहा था, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को बल देते हुए 'स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी)' को यूएपीए के तहत अगले ५ वर्षों के लिए 'गैरकानूनी संगठन' घोषित किया गया है। सिमी को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा पैदा करने, आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में संलिप्त पाया गया है।"

Point of View

बल्कि भविष्य में किसी भी संभावित खतरे के खिलाफ एक मजबूत संदेश है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

सिमी पर प्रतिबंध कब लागू हुआ?
सिमी पर प्रतिबंध ३१ जनवरी २०१९ को लागू हुआ और इसे २०२४ में बढ़ाया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने सिमी के खिलाफ क्या निर्णय लिया?
सुप्रीम कोर्ट ने सिमी पर प्रतिबंध को बरकरार रखते हुए ट्रिब्यूनल के आदेश को खारिज कर दिया।
सिमी के संबंध किन आतंकी संगठनों से हैं?
सिमी के संबंध लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों से हैं।
भारत सरकार ने सिमी पर प्रतिबंध क्यों लगाया?
भारत सरकार ने सिमी को देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा मानते हुए प्रतिबंध लगाया।
गृह मंत्री ने इस मुद्दे पर क्या कहा?
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि यह प्रतिबंध प्रधानमंत्री मोदी की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है।