क्या भारत के शहरों के लिए ‘स्वच्छ भारत मिशन’ महत्वपूर्ण अभियान है? : शालिनी अग्रवाल

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क्या भारत के शहरों के लिए ‘स्वच्छ भारत मिशन’ महत्वपूर्ण अभियान है? : शालिनी अग्रवाल

सारांश

सूरत ने 'स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25' में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल का कहना है कि यह सफाई अभियान भारत के शहरों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए जानें कैसे सूरत ने इस उपलब्धि को हासिल किया।

Key Takeaways

  • सूरत ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
  • स्वच्छ भारत मिशन भारत के शहरों के लिए महत्वपूर्ण अभियान है।
  • नागरिकों की भागीदारी स्वच्छता में महत्वपूर्ण है।
  • कचरे को संसाधन के रूप में देखना आवश्यक है।
  • भविष्य में स्वच्छता और भी महत्वपूर्ण होगी।

नई दिल्ली, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार के 'स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25' के अंतर्गत 'सुपर स्वच्छ लीग' श्रेणी में सूरत ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। साफ शहरों की सूची में पहले स्थान पर आने पर सूरत की नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने अपनी खुशी व्यक्त की। उनका कहना है कि भारत के शहरों के लिए ‘स्वच्छ भारत मिशन’ एक महत्वपूर्ण अभियान है।

गुरुवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है और दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने स्वच्छता अभियान और स्वच्छ शहर के बीच आम नागरिकों की भागीदारी को भी सराहा। उन्होंने बताया कि कचरे को संसाधन में बदलना चाहिए और शहरों को स्वच्छ बनाए रखना आवश्यक है। वर्तमान में, सूरत, इंदौर और नवी मुंबई 'सुपर स्वच्छ लीग' के तहत शामिल हैं। इस बार रैंकिंग के शीर्ष पर एक नई लीग 'सुपर लीग' का गठन किया गया है, जिसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शहरों को स्थान दिया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश में स्वच्छ भारत अभियान की एक बेहतरीन पहल की है। इसके बाद सूरत नगर निगम सूरत के निवासियों को स्वच्छता से जोड़ने के लिए एक अभियान चला रहा है और लगातार कार्य कर रहा है। सूरत ने दो अन्य शहरों के साथ इस लीग में स्थान हासिल किया है, जो सूरत के लिए गर्व की बात है। मैं सूरत के निवासियों को बधाई देना चाहती हूं, जो स्वच्छता अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं और शहर को साफ-सुथरा बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

आयुक्त के अनुसार, सूरत की जनसंख्या लगभग 85 लाख है। यह एक आर्थिक केंद्र है, जहां देश भर से लोग आर्थिक अवसरों की खोज में आते हैं। सूरत औद्योगिक विकास में सक्रिय है। यह शहर कचरे को संसाधन के तौर पर देखता है और इसे बायोगैस जैसे उपयोगी उत्पादों में परिवर्तित करता है, जिन्हें बाद में उद्योगों को बेचा जाता है। निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट से पेवर ब्लॉक और अन्य निर्माण सामग्री का उत्पादन किया जाता है और इन्हें निर्माण कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है। कटे हुए प्लास्टिक का उपयोग करके भी सड़कें बनाई जाती हैं। शहर में ऐसे कई नवीन पहल सक्रिय हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय तकनीक का है और शहर की स्वच्छता की निगरानी के लिए एआई जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

उन्होंने इस बात पर भी बल दिया है कि स्वच्छ भारत मिशन भविष्य में भारत के शहरों के लिए अत्यंत आवश्यक है। भारत 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य लेकर चल रहा है। ऐसे में स्वच्छता को बहुत महत्व दिया जाना चाहिए। देश दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है। मुझे विश्वास है कि 2047 में विकसित भारत की दिशा में सूरत शहर और भी बेहतरीन कार्य करेगा।

Point of View

स्वच्छ भारत मिशन न केवल शहरों की छवि को सुधारने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह एक व्यापक दृष्टिकोण है जो भारत के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इस अभियान के अंतर्गत नागरिकों की भागीदारी और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना नितांत आवश्यक है।
NationPress
17/07/2025

Frequently Asked Questions

स्वच्छ भारत मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
स्वच्छ भारत मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत के शहरों और गांवों में स्वच्छता और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
सूरत ने स्वच्छ सर्वेक्षण में शीर्ष स्थान कैसे प्राप्त किया?
सूरत ने स्वच्छता के लिए कई नवीन पहलों और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देकर स्वच्छ सर्वेक्षण में शीर्ष स्थान प्राप्त किया।