क्या सुरेंद्र राजपूत ने संचार साथी ऐप पर उठाए सवाल?
सारांश
Key Takeaways
- संचार साथी ऐप के माध्यम से नागरिकों की जानकारी इकट्ठा करने के सवाल उठ रहे हैं।
- सुरेंद्र राजपूत ने सरकार से स्पष्टता की मांग की है।
- वोट चोरी को लेकर राजनीतिक दलों के बीच विवाद जारी है।
- भाजपा पर वंदे मातरम कहने पर रोक लगाने का आरोप।
- मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण पर विपक्ष का विरोध प्रदर्शन।
लखनऊ, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने मंगलवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद चौधरी मोहम्मद रमजान द्वारा वोट चोरी पर दिए गए बयान पर अपनी आपत्ति प्रकट की। साथ ही, उन्होंने सभी मोबाइल फोनों में संचार साथी ऐप के प्री-इंस्टॉलेशन की गाइडलाइन पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।
सुरेंद्र राजपूत ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के सभी नेता, चाहे वो उमर अब्दुल्ला हों या फारूक अब्दुल्ला, वोट चोरी का मुद्दा उठा रहे हैं। सभी का कहना है कि वोट चोरी से संविधान को खतरा है, जो कि पूरी तरह से गलत है। कुछ राजनीतिक दल मौजूदा स्थिति का फायदा उठाने के लिए वोट चोरी का मुद्दा बढ़ा रहे हैं। वे यह सोचते हैं कि इससे उन्हें राजनीतिक लाभ मिलेगा, लेकिन यह उनकी गलतफहमी है।
संचार साथी ऐप पर चल रहे विवाद के बारे में सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि सरकार को इस विषय में पूरी जानकारी देनी होगी। सरकार को बताना होगा कि यह ऐप कैसे काम करेगा। मेरा सीधा सवाल है कि क्या सरकार इसके माध्यम से लोगों की निजी जानकारी इकट्ठा करना चाहती है? क्या वह लोगों के मोबाइल फोन हैक करना चाहती है? यह बेहद चिंताजनक है कि सरकार इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रही है। हम एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में इसे स्वीकार नहीं कर सकते।
भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने मोबाइल निर्माताओं को निर्देश दिया है कि सभी स्मार्टफोनों में संचार साथी ऐप को पूर्व-स्थापित किया जाना चाहिए। यह ऐप साइबर अपराधों की रिपोर्ट करने में मदद करेगा।
सुरेंद्र राजपूत ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर कहा कि विपक्षी दल इस मुद्दे पर संसद में विरोध प्रदर्शन करेगा। हमें इस प्रक्रिया से आपत्ति है, जो किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं की जा सकती। आम लोगों से जानकारी जुटाने के लिए उन्हें बाध्य किया जा रहा है, और बीएलओ को इतना दबाव दिया गया है कि वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं। विपक्ष इस मुद्दे पर विरोध करेगा।
उन्होंने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की बैठक में अनुपस्थिति को लेकर चल रही चर्चाओं को नकारते हुए कहा कि थरूर किसी जरूरी काम से गए होंगे। उनके अनुपस्थित रहने को लेकर बेवजह की चर्चा करना उचित नहीं है। शशि थरूर हमारे लिए सम्मानित सांसद हैं।
सुरेंद्र राजपूत ने आरोप लगाया कि भाजपा राज्यसभा में वंदे मातरम कहने पर रोक लगा रही है, जैसे कि अंग्रेजों ने भारतीयों के लिए ऐसा किया था। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। वंदे मातरम हमारे लिए गर्व का प्रतीक है। भाजपा इसके प्रतीकों को खत्म करना चाहती है।
उन्होंने मांग की कि डिजिटल अरेस्ट में शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जो पुलिस की वर्दी में काम कर रहे हैं। यह लोग बहरूपिए हैं और इन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए।