क्या स्वास्थ्य मंत्रालय का विशेष अभियान सरकारी दफ्तरों में 'स्वच्छता और सुशासन' को सुनिश्चित करेगा?

सारांश
Key Takeaways
- स्वच्छता को संस्थागत बनाना
- लंबित मामलों का त्वरित निपटारा
- कार्यकुशलता में वृद्धि
- नागरिक-केंद्रित प्रशासन को सशक्त बनाना
- ई-कचरे का निपटान
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 31 अक्टूबर तक चलने वाले 5वें विशेष अभियान को लागू करने की तैयारी पूरी कर ली है। प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के मार्गदर्शन में शुरू किया गया यह राष्ट्रव्यापी अभियान सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता को संस्थागत बनाना और लंबित मामलों को न्यूनतम स्तर पर लाने का मुख्य उद्देश्य रखता है।
यह अभियान स्वास्थ्य विभाग के सभी केंद्रीय अस्पतालों, अधीनस्थ कार्यालयों, स्वायत्त निकायों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में संचालित किया जाएगा। इसका व्यापक लक्ष्य कार्यकुशलता में वृद्धि, प्रक्रियाओं का सुव्यवस्थित करना, और नागरिक-केंद्रित प्रशासन को सशक्त बनाना है।
इस अभियान के दौरान, लंबित मामलों के त्वरित निपटारे पर जोर दिया जाएगा। विभाग ने शीघ्र निवारण के लिए कई सार्वजनिक शिकायतों और संबंधित अपीलों को चिह्नित किया है, जो उत्तरदायी और पारदर्शी शासन के प्रति केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इसके अलावा, समीक्षा के लिए 15,494 भौतिक फाइलें और 3,279 ई-फाइलें भी चिह्नित की गई हैं। शासन में सुगमता और सरलीकरण को बढ़ावा देने के लिए, 11 नियमों की पहचान की गई है, जिनमें प्रक्रियागत बाधाओं को समाप्त किया जाएगा, जिससे लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
स्वच्छता अभियान के तहत, कार्यस्थलों को व्यवस्थित और स्वच्छ बनाने के लिए 1,454 स्थलों की पहचान की गई है, जहां पर 31 अक्टूबर तक यह अभियान चलाया जाएगा। विभाग ई-कचरे और अनुपयोगी वस्तुओं की पहचान और निपटान को प्राथमिकता दे रहा है। इससे न केवल कार्यालय में उपयोगी स्थान बनेगा, बल्कि कबाड़ की बिक्री से राजस्व भी सृजित होगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का यह विशेष अभियान कुशल शासन, उत्तरदायी प्रशासन और नागरिक-केंद्रित सेवा प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। मंत्रालय समय-समय पर सरकारी दफ्तरों में 'स्वच्छता और सुशासन' के लिए यह विशेष अभियान चलाता है।