क्या ठोस निर्यात नीति से स्वदेशी अभियान सफल हो पाएगा? : जिया उर रहमान बर्क

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क्या ठोस निर्यात नीति से स्वदेशी अभियान सफल हो पाएगा? : जिया उर रहमान बर्क

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वदेशी सामान खरीदने की अपील पर सांसद जिया उर रहमान बर्क ने समर्थन किया। उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि ठोस निर्यात नीति के बिना स्वदेशी अभियान सफल नहीं हो सकता। जानें उनका दृष्टिकोण इस मुद्दे पर।

Key Takeaways

  • स्वदेशी सामान की खरीद से स्थानीय उद्योगों को लाभ होता है।
  • निर्यात में गिरावट से उद्योग संकट में हैं।
  • अमेरिकी टैरिफ के कारण निर्यात के क्षेत्र में चुनौतियाँ हैं।
  • सरकार को ठोस निर्यात नीति बनानी चाहिए।
  • भारतीय सेना का सम्मान और गर्व महत्वपूर्ण है।

संभल, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देशवासियों से स्वदेशी सामान खरीदने की अपील की थी। इस अपील का समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने समर्थन किया है। साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील करते हुए कहा था कि हर दुकान पर "गर्व से कहो यह स्वदेशी है" का बोर्ड लगाना चाहिए, ताकि लोग इसका लाभ उठा सकें।

जिया उर रहमान बर्क ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "हम चाहते हैं कि भारत में निर्मित सामान न केवल देश में बिके, बल्कि विदेशों में भी इसकी मांग बढ़े। हालांकि, असलियत इसके बिलकुल विपरीत है।" उन्होंने बताया कि निर्यात लगातार घट रहा है, जिससे कई उद्योग संकट में हैं। इसके चलते व्यापारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सांसद ने कहा कि अमेरिका ने टैरिफ बढ़ा दिए हैं, जिसके कारण मुरादाबाद और संभल जैसे शहरों में एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियां संकट में हैं। इन क्षेत्रों में कई बड़ी कंपनियां, जो सैकड़ों श्रमिकों को रोजगार देती थीं, अब या तो श्रमिकों की छंटनी कर रही हैं या बंद होने की स्थिति में हैं।

समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा कि वे प्रधानमंत्री की बात से सहमत हैं और देश के प्रति अपने प्यार को भी व्यक्त किया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि केवल अपील करने से कुछ नहीं होगा। इसके लिए सरकार को ठोस नीतियां बनानी होंगी ताकि स्वदेशी सामान को वैश्विक बाजार में पहुँचाया जा सके।

उन्होंने कहा कि जब तक सरकार सही निर्यात नीति नहीं बनाएगी, तब तक स्वदेशी अभियान पूरी तरह सफल नहीं हो पाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने और सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमिका का भी उल्लेख किया। इस पर सपा सांसद ने कहा, "भारतीय सेना ने जहाँ-जहाँ आज़ादी दिलाई है, उसका हम सम्मान करते हैं। हम भारतीय सेना का आदर करते हैं और उम्मीद करते हैं कि हमारी सेना हर स्थिति से निपटने में सक्षम है।"

उन्होंने कहा, "मुक्ति दिवस मनाने की बात यदि की जा रही है तो वह अलग है, लेकिन हमें अपनी सेना पर गर्व है। चाहे कैसी भी स्थिति हो, हमारी सेना उसका सामना करने में सक्षम है।"

Point of View

लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया है कि केवल अपील से कुछ नहीं होगा। ठोस नीतियों की आवश्यकता है ताकि स्वदेशी सामान विश्व बाजार में अपनी पहचान बना सके। यह मुद्दा न केवल व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी आवश्यक है।
NationPress
03/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या स्वदेशी सामान खरीदने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी?
जी हाँ, स्वदेशी सामान खरीदने से स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलता है, जिससे रोजगार और विकास होता है।
क्या निर्यात नीति में सुधार की आवश्यकता है?
बिल्कुल, निर्यात नीति में सुधार से भारतीय उत्पादों की वैश्विक मांग को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी की अपील का क्या महत्व है?
प्रधानमंत्री मोदी की अपील से स्वदेशी सामान के प्रति जागरूकता बढ़ती है, जो स्थानीय उद्योगों को समर्थन देती है।