क्या इस सरकार में अपराधियों को मिल रहा है संरक्षण? : स्वामी प्रसाद मौर्य
सारांश
Key Takeaways
- कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर है।
- सरकार पर अराजक तत्वों को संरक्षण देने का आरोप।
- 3 नवंबर को प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन।
- न्याय और समानता के लिए आवाज उठाई जाएगी।
- सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ दुर्व्यहार की निंदा।
लखनऊ, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार पर कड़ा हमला करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार में अराजक तत्वों की संख्या लगातार बढ़ रही है और सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है।
मौर्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ दुर्व्यहार किया गया, जो लोकतंत्र और न्यायपालिका का अपमान है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसे आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो हम प्रदेश के सभी जनपदों में धरना-प्रदर्शन करेंगे। अब 3 नवंबर को हर जिले के जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर हम धरना देंगे और एससी-एसटी पर हो रहे अत्याचार, महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्म और हत्याओं के खिलाफ आवाज उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट इस बात का प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश अपराध के मामलों में देश में शीर्ष पर है। दुष्कर्म, हत्या और जातीय हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। अपराध अब बेकाबू हो चुका है।
मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “मुख्यमंत्री को दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों की कोई चिंता नहीं है, वह अत्याचार और भेदभाव की घटनाओं पर कोई संज्ञान नहीं लेते। यही कारण है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और कानून-व्यवस्था रसातल में जा रही है।
उन्होंने अलीगढ़ और बहराइच की हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा, “सरकार ने किसी भी मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। यह समाज को बांटने की सुनियोजित साजिश है।”
मौर्य ने कहा कि प्रदेश में अब धार्मिक नारे हिंसा और नफरत का प्रतीक बन गए हैं। गरीबों के घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, जबकि गुंडों को खुली छूट दी जा रही है।
उन्होंने कहा, “सरकार खुद भेदभाव करती है और यही कारण है कि गुंडे, माफिया और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।”
स्वामी प्रसाद मौर्य ने घोषणा की कि 3 नवंबर को 'अपनी जनता पार्टी' प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन करेगी और जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेगी। उन्होंने कहा, “यह आंदोलन न्याय, समानता और संविधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए है, ताकि देश में किसी वर्ग या धर्म के साथ अन्याय न हो।”