क्या तबाशीर के फायदे खांसी, जुकाम और पेट की गर्मी को दूर करने में सहायक हैं?

सारांश
Key Takeaways
- तबाशीर या वंशलोचन प्राकृतिक उपचार है।
- यह खांसी और जुकाम में लाभकारी है।
- इसकी तासीर ठंडी होती है।
- सिलिका की मात्रा अधिक होने से यह हड्डियों को मजबूत बनाता है।
- शहद के साथ मिलाकर मुंह के छालों के लिए उपयोगी है।
नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। वंशलोचन, जिसे कई लोग तबाशीर के नाम से जानते हैं, एक प्राकृतिक पदार्थ है जो बांस के तने के अंदर से प्राप्त होता है। इसका रंग सफेद होता है और यह सामान्यतः पाउडर या छोटे टुकड़ों में उपलब्ध होता है। इसे ‘बैंबू मैनना’ या ‘बैंबू सिलाइसेस’ भी कहा जाता है।
इसका वैज्ञानिक नाम ‘बैम्बुसा अरुंडिनेशिया’ है। यह मुख्यतः भारत, फिलीपींस, चीन जैसे एशियाई देशों में उगाया जाता है। इसके औषधीय गुणों के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसमें मौजूद सिलिका की मात्रा इसे कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है।
चरक संहिता और भैषज्य रत्नावली जैसे प्राचीन ग्रंथों में वंशलोचन को कई औषधीय योगों में शामिल किया गया है, जैसे कि सितोपलादि चूर्ण, तालिसादि चूर्ण, और वंशलोचनादि चूर्ण।
भैषज्य रत्नावली में इसे वात और कफपित्तबल्य (शक्तिवर्धक) माना गया है। इसका उपयोग खांसी, जुकाम, बुखार, पाचन संबंधी समस्याओं, हड्डियों और दांतों की कमजोरी जैसी कई स्थितियों के उपचार में किया जाता है। इसमें उपस्थित सिलिका हड्डियों को मजबूत बनाने और जोड़ों के दर्द को कम करने में सहायक होती है।
इसकी तासीर ठंडी होती है, इसलिए जिन लोगों के हाथ-पैर में जलन और पसीना आता है, उनके लिए वंशलोचन बहुत लाभकारी है। यह पित्त को संतुलित करता है और शरीर के अन्य दोषों जैसे कि वात, पित्त और कफ में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
चरक संहिता में इसे तबाशीर या तुगक्षीरी कहा गया है। इसका उपयोग विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता है, जैसे कि खांसी, जुकाम, बुखार, पाचन समस्याएं, हड्डियों की कमजोरी, और त्वचा रोग। सिलिका की अधिक मात्रा के कारण यह बालों को मजबूत बनाने में भी सहायक है।
यदि किसी को मुंह में छाले हैं, तो वह वंशलोचन को शहद के साथ मिलाकर उपयोग कर सकता है। मुंह में छाले अक्सर पेट की गर्मी बढ़ने के कारण होते हैं। वंशलोचन की ठंडी तासीर पेट की गर्मी को शांत करने में मदद करती है। शहद के एंटीबैक्टीरियल गुण मुंह के संक्रमण को कम करके छालों को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं। लेकिन इसके सेवन से पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।