क्या तहसीन पूनावाला की अपील महाराष्ट्र के मुस्लिम समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है?
सारांश
Key Takeaways
- राज ठाकरे का इतिहास मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है।
- उद्धव ठाकरे भी अवसरवादी नेता हैं।
- मुस्लिम समुदाय को सतर्क रहना चाहिए।
- राज ठाकरे ने कई बार मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए हैं।
- सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए मुस्लिम समुदाय का उपयोग किया जा रहा है।
पुणे, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने महाराष्ट्र के मुस्लिम समुदाय से एक महत्वपूर्ण अपील की है कि वे किसी भी स्थिति में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे पर भरोसा न करें। वर्तमान में ये दोनों राजनीतिक लाभ के लिए एक साथ आने की योजना बना रहे हैं, लेकिन अगर हम उनके मुस्लिम समुदाय के प्रति रुख का विश्लेषण करें, तो यह स्पष्ट है कि ये लोग भरोसे के काबिल नहीं हैं।
गुरुवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि राज ठाकरे ने हमेशा मुस्लिम समुदाय को नीचा समझा है और उनके खिलाफ अत्याचार किए हैं। 2014 में रमजान के महीने में उन्होंने एक मुस्लिम युवक के मुंह में बलात्कारी तरीके से खाना ठूंसा, और यह अत्यधिक दुखद है कि शिवसेना (यूबीटी) ने इस कृत्य को सही ठहराने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि गणित में जैसे शून्य को किसी संख्या के साथ गुणा करने पर परिणाम हमेशा शून्य रहता है, उसी तरह आज राज ठाकरे की स्थिति भी निराशाजनक है। वे किसी भी दल के साथ चले जाएं, उनके लिए कुछ भी अच्छा होने वाला नहीं है।
इतिहास बताता है कि शिवसेना ने हमेशा से मुस्लिम समुदाय को प्रताड़ित किया है। यह वही शिवसेना है जिसने कहा था कि हमने बाबरी मस्जिद को सिर्फ 10 मिनट में ध्वस्त कर दिया था। इतना ही नहीं, उन्होंने मांग की थी कि मुस्लिम समुदाय से मतदान का अधिकार छीन लिया जाए।
हम नहीं भूल सकते जब राज ठाकरे ने कोरोना काल के दौरान कहा था कि मुसलमानों को गोली मार देनी चाहिए और उन्हें उपचार की सुविधा नहीं मिलनी चाहिए। अब यह स्थिति बनी हुई है कि ये लोग बीएमसी चुनाव में मुस्लिम समुदाय का सहारा लेकर राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं।
तहसीन पूनावाला ने मुस्लिम समुदाय से फिर से अपील की कि वे राज ठाकरे पर भरोसा न करें। अगर आपको वोट देना है, तो इंडिया गठबंधन को दें, लेकिन शिवसेना (यूबीटी) या राज ठाकरे को मत दें। ये लोग मुस्लिम समुदाय के वोट लेने के योग्य नहीं हैं। मैं दावे के साथ कहता हूं कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके बच्चों को केंद्रीय कैबिनेट में जगह दें, तो ये लोग वहां भी चले जाएंगे। ऐसे में महाराष्ट्र के मुस्लिम समुदाय के लिए यह बेहतर होगा कि वे इन लोगों पर बिल्कुल भी भरोसा न करें। ये लोग केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए मुस्लिम समुदाय का उपयोग करना चाहते हैं, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि इन दोनों भाइयों के मन में मुस्लिम समुदाय के प्रति कोई सच्चा प्रेम नहीं है। ये दोनों ही अवसरवादी नेता हैं, जिनका मुस्लिम समुदाय के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। वे हमेशा इस तलाश में रहते हैं कि कैसे और कहां से उन्हें राजनीतिक लाभ प्राप्त हो।