क्या तमिलनाडु के मदुरै निगम में अनियमितताओं को लेकर चल रहा है विरोध-प्रदर्शन?

सारांश
Key Takeaways
- मदुरै निगम में अनियमितताओं का विरोध किया गया।
- पूर्व मंत्री सेलूर राजू का नेतृत्व।
- 150 करोड़ रुपए के कथित घोटाले में गिरफ्तारी।
- स्थानीय निकायों में सुधार की आवश्यकता।
- सीबीआई जांच की मांग।
मदुरै, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के मदुरै निगम में हो रही अनियमितताओं को लेकर एआईएडीएमके ने मंगलवार को बेथानियापुरम में एक विरोध-प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन पूर्व मंत्री सेलूर राजू के नेतृत्व में हुआ। इस दौरान डीएमके के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। सेलूर राजू ने कहा कि अब स्थानीय निकायों में किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
तमिलनाडु के मदुरै निगम में संपत्ति कर निर्धारण में लगभग 150 करोड़ रुपए के कथित घोटाले के आरोप में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद निगम के जोनल अध्यक्षों ने अपने त्यागपत्र सौंप दिए हैं।
विरोध मंच पर सेलूर राजू ने कहा, "यह विरोध चिलचिलाती धूप में हो रहा है। 2026 में हम ही हैं, जो डीएमके को हराएंगे।" उन्होंने कहा कि एआईएडीएमके के विरोध के कारण मदुरै निगम के जोनल अध्यक्षों को इस्तीफा देना पड़ा है। अब स्थानीय निकायों में अनियमितताएं नहीं हो सकती। जब स्मार्ट सिटी परियोजना चल रही थी, तब आरोप लगाने वाले मंत्री पी.टी.आर. पलानीवेल थियागा राजन अब चुप हैं। निगम में हाउस टैक्स, भूमिगत जल निकासी और अन्य कई तरह की अनियमितताएं हो रही हैं। वे 100 रुपए की फीस के लिए 15 हजार रुपए रिश्वत ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अब इस्तीफा देने वाले जोनल अध्यक्षों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। सीवेज पंपिंग स्टेशन काम नहीं कर रहा है, जिससे सीवेज वैगई नदी में मिल रहा है। हमने शिकायत की थी कि मदुरै निगम के पांच में से चार जोन में अनियमितताएं हो रही हैं। अब सभी पांच जोनल अध्यक्षों ने इस्तीफा दे दिया है। वे बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर कम हाउस टैक्स लगा रहे हैं। तमिलनाडु सरकार ने कार्रवाई की है। यह यहीं नहीं रुकना चाहिए, जिन्होंने अपराध किया है, उन्हें जेल भेजना चाहिए। निगम मामले में सीबीआई जांच की जरूरत है।