क्या केंद्र ने हिंदी थोपने की कोशिश की, तो तमिलनाडु भाषा युद्ध के लिए तैयार?

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क्या केंद्र ने हिंदी थोपने की कोशिश की, तो तमिलनाडु भाषा युद्ध के लिए तैयार?

सारांश

तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने केंद्र सरकार की हिंदी थोपने की कोशिशों का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि डीएमके जरूरत पड़ने पर 'भाषा युद्ध' छेड़ने के लिए तैयार है। यह बयान तमिलनाडु की राजनीतिक स्थिति में महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है।

Key Takeaways

  • उदयनिधि स्टालिन ने केंद्र के हिंदी थोपने के प्रयासों का विरोध किया।
  • डीएमके 'भाषा युद्ध' के लिए तैयार है।
  • राज्यों के अधिकारों की रक्षा करना आवश्यक है।
  • भाषाई विविधता का सम्मान करना चाहिए।
  • यह वक्त की मांग है कि केंद्र सरकार संघीय ढांचे का पालन करे।

चेन्नई, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने मंगलवार को स्पष्ट रूप से कहा कि यदि केंद्र सरकार जबरन हिन्दी को थोपने की कोशिश करेगी, तो तमिलनाडु इसका कड़ा विरोध करेगा। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) "भाषा युद्ध" आरंभ करने के लिए भी तैयार है।

चेन्नई में एबीपी नेटवर्क के साउदर्न राइजिंग समिट 2025 में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उस समय हो रहा है जब देश में सत्ता का केंद्रीकरण बढ़ रहा है और राज्यों के अधिकार कमजोर हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, "यदि हम पर जबरन हिन्दी थोपी गई, तो तमिलनाडु भाषा युद्ध से पीछे नहीं हटेगा।" उन्होंने याद दिलाया कि राज्य हमेशा से ही हिन्दी थोपने का विरोध करता आया है।

उदयनिधि ने यह भी कहा, "हम हमेशा अपनी भाषा, अपने राज्य के अधिकार, लोकतंत्र और अब जनता के मतदान अधिकार की रक्षा करते आए हैं।"

उन्होंने तमिल में कहा, "भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आर्थिक रूप से मजबूत राज्यों को राजनीतिक रूप से कमजोर बनाने का प्रयास कर रही है और राजनीतिक रूप से मजबूत राज्यों को आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश कर रही है।"

उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु को करों के बंटवारे में अन्याय, फंड रोकने, केंद्र द्वारा लगाई गई योजनाओं, नई शिक्षा नीति और अब प्रस्तावित डिलिमिटेशन एक्सरसाइज के कारण नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

उदयनिधि ने एक उदाहरण के माध्यम से कंप्यूटर साइंस और द्रविड़ राजनीति के बीच समानता बताई। उन्होंने कहा कि जैसे कंप्यूटर में किसी समस्या को हल करने के लिए एक एल्गोरिदम होता है, वैसे ही तमिलनाडु की राजनीति भी एक तय तरीके का पालन करती है। इसे हम द्रविड़ एल्गोरिदम कहते हैं।

यह तरीका पिछले 100 वर्षों में सामाजिक न्याय, सांस्कृतिक गर्व और राजनीतिक सुधारों से विकसित हुआ है और यही तमिल लोगों को बड़े राजनीतिक निर्णय लेते समय दिशा प्रदान करता है। उन्होंने कहा, "ऐसा ही एक निर्णय यह है कि तमिल जनता कभी भी केंद्र सरकार के दबदबे के आगे झुकने के लिए तैयार नहीं होगी।"

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि डीएमके हमेशा भाषा, राज्यों के अधिकार, लोकतंत्र और अब जनता के मताधिकार की रक्षा के लिए आवाज उठाती रहेगी।

एबीपी नेटवर्क के फ्लैगशिप साउदर्न राइजिंग समिट का तीसरा संस्करण चेन्नई के आईटीसी ग्रैंड चोला में हो रहा है, जिसकी थीम है "भविष्य के लिए तैयार: इनोवेशन, ट्रांसफॉर्मेशन, इंस्पिरेशन।" यह समिट दक्षिण भारत के राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव पर चर्चा करता है।

इस कार्यक्रम में उदयनिधि स्टालिन के अलावा तमिलनाडु के स्कूल शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी, भाजपा के पूर्व राज्य अध्यक्ष के. अन्नामलाई, पीएमके नेता अंबुमणि रामदास और अभिनेत्री मालविका मोहनन भी शामिल हैं।

समिट में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और प्रेरक कहानियां भी होंगी। जानी-मानी गायिका कविता कृष्णमूर्ति प्रस्तुति देंगी और कमीडियन श्रद्धा जैन (जिन्हें अय्यो श्रद्धा के नाम से जाना जाता है) स्टेज पर आएंगी।

Point of View

बल्कि यह देश के संघीय ढांचे और विभिन्न भाषाओं की सांस्कृतिक स्थिति को भी उजागर करता है। यह समय की मांग है कि केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों और भाषाई विविधता का सम्मान करे।
NationPress
25/11/2025

Frequently Asked Questions

उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा?
उन्होंने केंद्र सरकार की हिंदी थोपने की कोशिशों का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि डीएमके 'भाषा युद्ध' के लिए तैयार है।
यह बयान किस संदर्भ में दिया गया?
यह बयान एबीपी नेटवर्क के साउदर्न राइजिंग समिट 2025 में दिया गया था।
डीएमके का क्या इतिहास है हिंदी के खिलाफ?
डीएमके ने हमेशा से हिंदी थोपने का विरोध किया है और अपनी भाषा और संस्कृति की रक्षा की है।
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