क्या तरनतारन हत्याकांड में दूसरी गिरफ्तारी हुई है? एजीटीएफ और तरनतारन पुलिस की संयुक्त कार्रवाई

सारांश
Key Takeaways
- तरनतारन हत्याकांड में दूसरी गिरफ्तारी हुई है।
- अर्शदीप सिंह को एजीटीएफ और पंजाब पुलिस ने मिलकर पकड़ा।
- पंजाब पुलिस का संगठित अपराध के खिलाफ अभियान जारी है।
- पुलिस की सक्रियता से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है।
- अंतरराष्ट्रीय हथियार और नार्को-हवाला नेटवर्क पर भी कार्रवाई की गई।
चंडीगढ़, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तरनतारन हत्याकांड में पंजाब पुलिस को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली है। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल दूसरे आरोपी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी तरनतारन जिले के बठ गांव का निवासी है।
पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने इस कार्रवाई की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की।
डीजीपी ने अपनी पोस्ट में बताया कि सभी कनेक्शनों पर त्वरित कार्यवाही करते हुए, एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने तरनतारन पुलिस के साथ मिलकर तरनतारन मर्डर केस में दूसरे आरोपी अर्शदीप सिंह को गिरफ्तार किया। इससे पहले, एजीटीएफ ने मार्च 2025 में जगदीप मोला की हत्या के मुख्य आरोपी राहुल सिंह को भी पकड़ा था।
डीजीपी ने आगे कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि दो अज्ञात हमलावर मोटरसाइकिल पर आए और तरनतारन में गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब के पास जगदीप सिंह पर गोली चलाकर उसकी हत्या कर दी और फिर मौके से फरार हो गए। पंजाब पुलिस ने संगठित अपराध नेटवर्क को समाप्त करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
इसके अतिरिक्त, पंजाब पुलिस ने गुरुवार को बताया कि एक इंटेलिजेंस-आधारित ऑपरेशन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय हथियार और नार्को-हवाला नेटवर्क से जुड़े तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया। यह गिरोह पाकिस्तान से हेरोइन और हथियारों की तस्करी कर रहा था और पंजाब के बॉर्डर क्षेत्रों में सक्रिय था।
पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि एक खुफिया सूचना के आधार पर, अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने सीमा पार संगठित हथियार और नार्को-हवाला नेटवर्क में शामिल तीन गुर्गों को गिरफ्तार किया है।
इससे पहले, पंजाब पुलिस ने सीमा पार से हो रही हथियारों की तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध हथियारों के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। आरोपी की पहचान गुरु की वडाली, छेहरटा निवासी अमित सिंह के रूप में हुई। डीजीपी ने 26 अगस्त को इस कार्रवाई की जानकारी दी थी।