क्या राजनाथ सिंह के बयान पर तारिक अनवर ने बेतुका तंज कसा?
सारांश
Key Takeaways
- राजनाथ सिंह के बयान पर तारिक अनवर की तीखी प्रतिक्रिया।
- बीएलओ की सुरक्षा और सुविधाओं का ध्यान रखना ज़रुरी।
- राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए।
- राजनीति में केवल बयानबाजी का कोई फायदा नहीं।
- लोकतंत्र की रक्षा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता।
नई दिल्ली, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सिंध से संबंधित बयान पर कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "अब इस तरह की बातें करने का कोई लाभ नहीं है। जब आपके पास असली मौका था, तब आपने कोई कदम नहीं उठाया। अब तो स्थिति यह है कि आप सांप के निकल जाने के बाद लाठी पटक रहे हैं।"
तारिक अनवर ने व्यक्त किया कि यह सिर्फ दिखावटी बयानबाजी है, जिसमें कोई वास्तविकता नहीं नजर आती।
इसके अलावा, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 'एक्स' पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए तारिक अनवर ने कहा कि बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) पर अत्यधिक दबाव की स्थिति गंभीर चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा, "बीएलओ खुद तनाव में हैं। कोई आत्महत्या कर रहा है, कोई हार्ट फेलियर से मर रहा है। वे पहले ही तनाव में हैं, ऐसे में उन्हें परेशान करना उचित नहीं है। यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे बीएलओ की सुरक्षा और सुविधाओं का ध्यान रखें।"
ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने एक 'एक्स' पोस्ट में लिखा था कि एसआईआर सिस्टम के नाम पर देश भर में अफरा-तफरी मची हुई है और तीन हफ्तों में १६ बीएलओ की मौत हो चुकी है। हार्ट अटैक, तनाव, आत्महत्या एसआईआर कोई सुधार नहीं, बल्कि थोपा गया जुल्म है। नागरिकों को २२ साल पुरानी मतदाता सूची के हजारों स्कैन पन्ने पलटने पड़ रहे हैं। उद्देश्य स्पष्ट है कि सही मतदाता थक जाए और वोट चोरी बिना रोक-टोक चलती रहे।
उन्होंने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा था, "भारत दुनिया के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर बनाता है, लेकिन चुनाव आयोग आज भी कागजों का जंगल खड़ा करने पर अड़ा है। यदि नीयत साफ होती, तो लिस्ट डिजिटल, सर्चेबल और मशीन-रीडेबल होती।"
राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि बीएलओ पर अनावश्यक दबाव डालकर उनकी मौतों को 'कोलेटरल डैमेज' की तरह नजरअंदाज किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह नाकामी नहीं, षड्यंत्र है। सत्ता की रक्षा में लोकतंत्र की बलि दी जा रही है।