क्या जामताड़ा के वरिष्ठ नेता तरुण गुप्ता ने भाजपा में छह साल बाद वापसी की?

सारांश
Key Takeaways
- तरुण गुप्ता की भाजपा में वापसी ने पार्टी में नई ऊर्जा भरी है।
- बाबूलाल मरांडी का समर्थन उनके लिए महत्वपूर्ण है।
- संथाल परगना में भाजपा को मजबूती की आवश्यकता है।
- भाजपा पुराने नेताओं को जोड़कर संगठन को मजबूत कर रही है।
- तरुण गुप्ता का अनुभव पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
गिरिडीह, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के जामताड़ा जिले के एक प्रमुख राजनीतिक चेहरे तरुण कुमार गुप्ता ने लगभग छह वर्षों के बाद भारतीय जनता पार्टी में वापसी की है। झारखंड के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपने गिरिडीह निवास पर उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई और पार्टी का पट्टा पहनाकर उन्हें गर्मजोशी से स्वागत किया।
तरुण कुमार गुप्ता लंबे समय तक जामताड़ा जिला भाजपा के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने दो बार निर्दलीय और दो बार भाजपा के उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा है। इसके साथ ही, वे जामताड़ा जिला 20 सूत्री कार्यक्रम के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। भाजपा में रहते हुए उन्होंने संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि, पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने के कारण उन्हें छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया गया था।
भाजपा में पुनः शामिल होने के बाद तरुण कुमार गुप्ता ने कहा, “पार्टी ने जिस विश्वास और सम्मान के साथ मुझे फिर से शामिल किया है, मैं उस पर पूरी निष्ठा से खरा उतरने का प्रयास करूंगा। संगठन जो भी जिम्मेदारी देगा, उसे समर्पण भाव से निभाऊंगा। मेरा उद्देश्य रहेगा कि पार्टी को मजबूत कर संथाल परगना में भाजपा को नई ऊंचाई पर ले जाऊं।”
इस मौके पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि तरुण गुप्ता जैसे जमीनी और अनुभवी नेता की वापसी भाजपा के लिए एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने आगे कहा कि तरुण गुप्ता भले ही कुछ वर्षों तक पार्टी से अलग रहे हों, लेकिन अब उनकी घर वापसी सभी के लिए हर्ष का विषय है। उनके जुड़ने से न केवल जामताड़ा बल्कि पूरे संथाल परगना क्षेत्र में भाजपा को नई ऊर्जा और मजबूती मिलेगी। संगठन को उनका अनुभव लाभ पहुंचाएगा।
ध्यान दें कि संथाल परगना भाजपा के लिए हमेशा से चुनौतीपूर्ण क्षेत्र रहा है। 2019 और 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को संथाल परगना में अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी। इसीलिए पार्टी अब नए सिरे से संथाल परगना में संगठन को ऊर्जा देने के प्रयासों में जुटी है।