क्या तीन से चार टेक्नोलॉजी में हमें लीडरशिप हासिल करनी है: एस. सोमनाथ?
सारांश
Key Takeaways
- भारत को बायोटेक्नोलॉजी और एआई में लीडरशिप हासिल करनी है।
- तकनीक और अर्थव्यवस्था का आपस में गहरा संबंध है।
- हमें ओरिजिनल कंपनियों की आवश्यकता है।
- स्टार्टअप्स से नई प्रेरणा मिलती है।
- सरकार ने तकनीकी निवेश के लिए कई योजनाएं बनाई हैं।
देहरादून, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। इसरो के पूर्व अध्यक्ष एस सोमनाथ उत्तराखंड के देहरादून में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे। इस अवसर पर, उन्होंने कहा कि भारत तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बनेगा और 'सर्वश्रेष्ठ भारत' का निर्माण करेगा।
एस सोमनाथ ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उल्लेख किया कि आर्थिक ढांचे में परिवर्तन आवश्यक है। हमारी तकनीक का इस पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। अर्थव्यवस्था और तकनीक एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। पिछले 50 वर्षों में, हमने स्पेस टेक्नोलॉजी में अद्भुत प्रगति की है। हमने उपग्रह विकसित किए और चाँद पर लैंडिंग की। ये कुछ उदाहरण हैं, और इन्हीं उदाहरणों को ध्यान में रखते हुए हमें अन्य क्षेत्रों में भी कार्य करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी, मेडिकल और ड्रग्स, एआई, इलेक्ट्रॉनिक चिप मैन्युफैक्चरिंग, एयरोस्पेस, मिसाइल, डिफेंस टेक्नोलॉजी, खेती, और ड्रोन जैसे क्षेत्रों में हमें कार्य करना और निवेश करना है। इसके साथ ही, हमें अपने व्यापार को भी बढ़ाना होगा।
उन्होंने कहा कि इनमें से तीन से चार तकनीकों में हमें लीडरशिप प्राप्त करनी है। इसके लिए हमें कई मिशनों की आवश्यकता है। कुछ मिशनों की घोषणा सरकार द्वारा की गई है, जिसके लिए कई करोड़ रुपए के निवेश का ऐलान किया गया है।
एस. सोमनाथ ने बताया कि कंप्यूटर चिप के डिज़ाइन में काम करने वाले अधिकांश वैज्ञानिक भारतीय हैं। हालांकि, इन सभी तकनीकों का आईपी विदेश में है, भारत में नहीं। यही कारण है कि हमें इसका लाभ नहीं मिल रहा है। भारत को ओरिजिनल कंपनियों की आवश्यकता है। इसलिए, हमें इन क्षेत्रों में निवेश करने की आवश्यकता है और इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि हाई-टेक डोमेन में कई कंपनियां आ रही हैं और स्टार्टअप शुरू कर रही हैं। यह हमारा मिशन है। इससे लोगों को प्रेरणा मिलती है। व्यवसाय एक पहलू है, लेकिन दूसरा पहलू यह है कि हमें टेक्नोलॉजी को भी बढ़ावा देना है।