क्या तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव के बॉयकॉट का संकेत दिया?

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव ने चुनाव बॉयकॉट का संकेत दिया है।
- भाजपा का कहना है कि तेजस्वी चुनाव हारने के कारण डरे हुए हैं।
- प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटेन के बीच व्यापार सौदा की संभावनाएं हैं।
- शशांक मणि त्रिपाठी ने एनपीए पर चर्चा की है।
- बैंकों की स्थिति में सुधार की बातें की गई हैं।
नई दिल्ली, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में विधानसभा चुनाव के बॉयकॉट का संकेत दिया है। इस पर भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी का कहना है कि तेजस्वी यादव चुनाव हारने के कारण भयभीत हैं।
शशांक मणि त्रिपाठी ने तेजस्वी यादव के बयान का उल्लेख करते हुए कहा, "तेजस्वी इस समय डरे हुए हैं। चुनाव का बायकॉट करने का कारण यह नहीं है कि उन्हें एसआईआर से कोई समस्या है, बल्कि इसलिए कि वह चुनाव हार रहे हैं। इसीलिए उन्होंने यह नाटक शुरू किया है। बिहार की जनता हमारे साथ है और मुझे लगता है कि वह डर गए हैं।"
प्रधानमंत्री मोदी के ब्रिटेन दौरे पर शशांक मणि त्रिपाठी ने कहा, "भारत और ब्रिटेन के बीच बहुत अच्छी दोस्ती है। दोनों देशों के बीच व्यापार सौदा भी होने वाला है। इससे भारत को लाभ होगा। मैं मानता हूं कि दोनों देश इंफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन और रक्षा क्षेत्र में सहयोग करेंगे। इस व्यापार सौदे के माध्यम से पुरानी मित्रता फिर से मजबूत हो रही है और इसके लिए मैं प्रधानमंत्री को बधाई देता हूं।"
शशांक मणि त्रिपाठी ने नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) के संदर्भ में कहा, "पिछले ११ वर्षों में बहुत बड़ा काम हुआ है। पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों की व्यवस्था को सुधारने का कार्य किया है। जब हमारी सरकार ने २०१४ में सत्ता संभाली थी, तब बैंकों की स्थिति बहुत खराब थी। कई वर्षों तक भ्रष्टाचार था और किसी को भी फोन पर लोन दे दिया जाता था। जब हमारी सरकार आई, हमने निष्पक्ष जांच करवाई। उसके बाद वित्त मंत्री ने निर्देश दिया कि कोई भी ऐसा कार्य न हो जिससे नॉन परफॉर्मिंग एसेट बढ़े। कोविड के बावजूद हमारी सरकार ने बैंकों की स्थिति सुधारने का प्रयास किया है।