क्या तेजस्वी यादव पर चुनाव आयोग में भाजपा ने शिकायत दर्ज की?
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा ने तेजस्वी यादव के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की है।
- शिकायत में एआई जनरेटेड वीडियो का उल्लेख है।
- वीडियो में अन्य नेताओं को गलत तरीके से दर्शाया गया है।
- भाजपा ने कार्रवाई की मांग की है।
- यह मामला जनप्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन हो सकता है।
पटना, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। भाजपा का आरोप है कि तेजस्वी यादव ने अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट से एक एआई जनरेटेड भ्रामक वीडियो साझा किया, जिसमें बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
भाजपा की शिकायत में यह भी कहा गया है कि यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करके बनाया गया है और इसमें भ्रामक व असत्य बयान शामिल हैं, जिसका उद्देश्य मतदाताओं की धारणा को प्रभावित करना और चुनावी माहौल को दूषित करना है।
भाजपा ने आगे कहा कि तेजस्वी यादव द्वारा साझा किया गया वीडियो चुनाव आयोग की हालिया एडवाइजरी का सीधा उल्लंघन करता है। इसके अतिरिक्त, भाजपा का कहना है कि यह वीडियो मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के कई प्रावधानों का भी उल्लंघन करता है।
भाजपा ने आरोप लगाया कि एआई निर्मित और डीपफेक वीडियो का प्रयोग करते हुए तेजस्वी यादव ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों का झूठा चित्रण और चरित्र हनन किया है, जो आदर्श आचार संहिता का गंभीर उल्लंघन है।
शिकायत में यह भी बताया गया है कि तेजस्वी यादव का आचरण जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के तहत गंभीर वैधानिक उल्लंघनों को दर्शाता है। यह कृत्य धारा 123(4) के अंतर्गत 'भ्रष्ट आचरण' की श्रेणी में आता है, क्योंकि इसमें चुनावी परिणाम को प्रभावित करने की मंशा से किसी भी उम्मीदवार के व्यक्तिगत चरित्र या आचरण से संबंधित झूठे तथ्यों का प्रकाशन शामिल है।
भाजपा ने चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है। पार्टी ने कहा, "इस शिकायत का तत्काल संज्ञान लिया जाए। फेसबुक-मेटा को निर्देश दिया जाए कि वह संबंधित वीडियो को तुरंत हटाए और जांच के लिए उसका मेटाडाटा संरक्षित रखे। तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी को आचार संहिता और एआई संबंधी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर नोटिस जारी किया जाए।"
भाजपा ने यह भी मांग की कि वीडियो के स्रोत और तकनीकी हेरफेर का पता लगाने के लिए निर्वाचन आयोग के साइबर सेल से जांच का आदेश दिया जाए। इसके अलावा, मामले में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
भाजपा ने कहा, "हमें विश्वास है कि आयोग चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और गरिमा बनाए रखने के लिए इस मामले में त्वरित और अनुकरणीय कार्रवाई करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि ऐसे उल्लंघनों से दृढ़ता और प्रभावी तरीके से निपटा जाए।"