क्या तेजस्वी यादव की 'बिहार अधिकार यात्रा' वास्तव में 'भ्रष्टाचार बचाओ' मार्च है?

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव की यात्रा पर भाजपा का तीखा जवाब।
- भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पहले की सरकारों की आलोचना।
- प्रधानमंत्री मोदी के दौरे का विकास योजनाओं पर जोर।
पटना, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजद नेता तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह अधिकार यात्रा नहीं, बल्कि 'भ्रष्टाचार बचाओ' मार्च है।
दिलीप जायसवाल ने राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत के दौरान कहा कि यह वास्तव में एक भ्रष्टाचार बचाओ यात्रा है। यह उनकी सरकार के समय 2005 से पहले हुई जबरन वसूली की गतिविधियों के प्रति चिंता को दर्शाता है, और वे बिहार को 2005 से पहले की स्थिति में वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं। उनके अनुसार, 2005 के पहले उनकी सरकार में अपहरण और भ्रष्टाचार का उद्योग चलता था, और इसी विषय पर वे चिंतित हैं। बिहार की जनता उनके इस सपने को कभी साकार नहीं होने देगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे के बाद गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 18 सितंबर को पटना जाएंगे। दिलीप जायसवाल ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि उनका एक कार्यक्रम सासाराम में होगा, जहां वह 2500 कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और आगामी चुनाव पर चर्चा करेंगे। इसके बाद वे बेगूसराय जाएंगे, जहां 10 जिलों में ढाई हजार कार्यकर्ताओं के साथ बैठक होगी।
प्रधानमंत्री मोदी के बिहार दौरे पर जायसवाल ने कहा कि यह एक अत्यंत उल्लेखनीय और ऐतिहासिक कार्यक्रम था। पूर्णिया की धरती पर इससे पहले ऐसा कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं हुआ। जनता उत्सव मना रही थी। मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को कई सौगातें दीं, जैसे दो अमृत भारत ट्रेन, एक वंदे भारत ट्रेन, और पीरपैंती में पावर प्रोजेक्ट। मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी विदेशी को इस धरती पर रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने घुसपैठ के मामले में स्पष्ट संदेश दिया है।