क्या तेजस्वी यादव को साधु यादव की सलाह माननी चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- साधु यादव ने तेजस्वी यादव को कुछ सहयोगियों से दूरी बनाने की सलाह दी है।
- बिहार के वोट शेयर को बढ़ाने की आवश्यकता है।
- मतदाता सूची को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाना आवश्यक है।
- नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर सवाल उठाए गए हैं।
- राजनीतिक सक्रियता से तेजस्वी का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है।
नई दिल्ली, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व सांसद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई साधु यादव ने तेजस्वी यादव को एक महत्वपूर्ण सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि यदि वे मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, तो उन्हें कुछ मौजूदा सहयोगियों से दूरी बनानी होगी और जनता के बीच अधिक सक्रियता प्रदर्शित करनी होगी।
साधु यादव के अनुसार, बिहार में सरकार बनाने के लिए वोट शेयर और रणनीति अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। राजद के पास 33 प्रतिशत वोट शेयर है, जो विश्वसनीय है। यदि इसे 38 प्रतिशत तक बढ़ाया जाए, तो सरकार बनाई जा सकती है। यदि एनडीए 40-41 प्रतिशत वोट शेयर हासिल कर लेता है, तो उनकी सरकार बन जाएगी।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान, साधु यादव ने बिहार एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) प्रक्रिया पर विपक्ष के दावों का उत्तर दिया। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग की नीति के तहत यह प्रक्रिया की गई। 2003 की वोटर लिस्ट को आधार माना गया है। जिन मतदाताओं के नाम 2003 की सूची में हैं और जिनके पास पूर्ण दस्तावेज हैं, उनका नाम नहीं काटा जाएगा। जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं, उनके नाम हटाए गए हैं, लेकिन दस्तावेज जमा करने पर नाम फिर से जोड़ा जा सकता है।"
उन्होंने यह भी कहा कि बाहरी या विदेशी (जैसे अन्य देशों से आए) मतदाताओं को चिन्हित करने के लिए नीति बनाई गई है, और उनके नाम हटाए जाएंगे। साथ ही, मजदूर वर्ग के लोग जो बिहार से बाहर काम करते हैं और उनके पास डॉक्यूमेंट्स नहीं हैं, उनके नाम भी कटे हैं। इसे वे सही मानते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि मतदाता सूची में केवल वैध मतदाताओं के नाम होने चाहिए।
विपक्ष के दावों के विपरीत, साधु यादव ने प्रक्रिया को उचित ठहराया और कहा कि यह मतदाता सूची को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची अभी प्रकाशित हुई है, और अब आगामी चुनावों में लोगों की जिज्ञासा और रुचि बढ़ेगी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर उन्होंने दावा किया कि "नीतीश कुमार अचेत अवस्था में हैं और दवाइयों के प्रभाव पर निर्भर रहते हैं। दवाइयों का असर खत्म होने पर नीतीश फिर से अचेत हो जाते हैं।" राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव भी नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर सवाल उठा चुके हैं और उन्हें थका हुआ मुख्यमंत्री बताया था।