क्या आप जानते हैं शकील बदायुनी के मशहूर गाने जो आज भी हर दिल अजीज हैं?

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क्या आप जानते हैं शकील बदायुनी के मशहूर गाने जो आज भी हर दिल अजीज हैं?

सारांश

इस लेख में हम शकील बदायुनी की अद्भुत रचनाओं पर प्रकाश डालते हैं, जो आज भी हर दिल को छूती हैं। उनके गीतों ने भारतीय सिनेमा को एक नई पहचान दी है। आइए जानते हैं उनके जीवन और उनके द्वारा रचित गानों के बारे में।

Key Takeaways

  • शकील बदायुनी का संगीत आज भी लोगों के दिलों में जीवित है।
  • उन्होंने कई रोमांटिक गाने लिखे हैं जो आज भी सुने जाते हैं।
  • उनकी रचनाएँ भारतीय संगीत की पहचान बन गई हैं।
  • शकील ने नौशाद के साथ मिलकर कई हिट गाने बनाए।
  • उनका भजन 'मन तड़पत हरि दर्शन को' आज भी बेहद लोकप्रिय है।

मुंबई, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड की फिल्मों की गानों के बिना कल्पना करना असंभव है। बिना गानों के ये अधूरी सी लगती हैं। विशेषकर रोमांटिक गाने अगर न हों, तो फिल्म में कमी महसूस होती है। इस बात से हर भारतीय सिनेमा प्रेमी सहमत होगा। आज हम बात करेंगे एक ऐसे गीतकार की, जिन्होंने अपने प्रेम गीतों से हर किसी का दिल जीता। उनका नाम है शकील बदायुनी.

शकील बदायुनी का जन्म 3 अगस्त 1916 को उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में हुआ। उन्हें हिंदी फिल्मों के रोमांटिक नगमों का रचनाकार माना जाता है।

उन्होंने अलीगढ़ विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई की, जहां उन्हें नगमों, गजलों और शायरी का शौक लगा। यह शौक उन्हें मुशायरों में ले गया, जहां उन्होंने रोमांटिक गजलों से पहचान बनाना शुरू किया।

कुछ समय तक दिल्ली में रहने के बाद, वे 1946 में मुंबई चले गए ताकि एक पेशेवर नगमा निगार बन सकें। वहाँ प्रसिद्ध संगीतकार नौशाद ने उनकी प्रतिभा को पहचाना। एक दिलचस्प किस्सा यह है कि नौशाद ने उनसे पूछा कि अपने टैलेंट को एक लाइन में कैसे बयान करेंगे, तो बदायुनी ने कहा, 'हम दर्द का अफसाना दुनिया को सुना देंगे, हर दिल में मोहब्बत की एक आग लगा देंगे।' इसी से उन्हें उनकी पहली फिल्म 'दर्द' मिली।

इस फिल्म का मशहूर गाना 'अफसाना लिख रही हूं दिले बेकरार का' उन्होंने लिखा था, जो हिट हो गया। इसके बाद नौशाद के साथ उनकी जोड़ी बन गई और दोनों ने मिलकर 50 और 60 के दशक के बेहतरीन गाने कंपोज किए। ये नगमें आज भी दिल को छूते हैं। चाहे वो 1947 की 'दर्द' का गाना हो या 1960 की मुगल-ए-आजम का 'प्यार किया तो डरना क्या' हो, हर गाना शकील बदायुनी की प्रतिभा का परिचय देता है।

1962 में एक और उल्लेखनीय फिल्म 'साहिब बीवी और गुलाम' रिलीज हुई। फिल्म में गुरुदत्त और मीना कुमारी के किरदारों ने दर्शकों का दिल जीत लिया। इसके गाने, जैसे 'न जाओ सइंया' और 'पीया ऐसो जिया में समाए...' ने भी खूब सराहना बटोरी।

शकील बदायुनी ने अपने आप को कभी किसी सीमा में नहीं बांधा। यही कारण है कि आज भी उनका एक भजन 'मन तड़पत हरि दर्शन को' भारतीय जनमानस का प्रिय है। यह भजन ऐतिहासिक है क्योंकि इसे बदायुनी ने लिखा, संगीत नौशाद ने दिया और आवाज मोहम्मद रफी ने दी।

–राष्ट्र प्रेस

जेपी/केआर

Point of View

हमें गर्व है कि शकील बदायुनी जैसे महान कलाकार ने भारतीय संगीत को एक नई दिशा दी। उनका योगदान न केवल सिनेमा में बल्कि भारतीय संस्कृति में भी अमूल्य है। उनकी रचनाएँ आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं, जो हमें उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

शकील बदायुनी कौन थे?
शकील बदायुनी एक प्रसिद्ध गीतकार थे, जिन्होंने हिंदी फिल्मों के लिए कई रोमांटिक गाने रचे।
उनके कौन से गाने प्रसिद्ध हैं?
उनके प्रसिद्ध गानों में 'अफसाना लिख रही हूं', 'प्यार किया तो डरना क्या' और 'मन तड़पत हरि दर्शन को' शामिल हैं।
शकील बदायुनी ने किससे संगीत सीखा?
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में संगीतकार नौशाद से प्रेरणा ली और उनके साथ कई हिट गाने बनाए।
शकील बदायुनी का जन्म कब हुआ?
उनका जन्म 3 अगस्त 1916 को उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में हुआ।
क्या शकील बदायुनी ने भजन भी लिखे हैं?
हाँ, उन्होंने 'मन तड़पत हरि दर्शन को' जैसे भजन भी लिखे हैं, जो बहुत प्रसिद्ध हैं।