क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नैनीताल राजभवन की स्थापना के 125 वर्ष पूरे होने के समारोह में भाग लिया?

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क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नैनीताल राजभवन की स्थापना के 125 वर्ष पूरे होने के समारोह में भाग लिया?

सारांश

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नैनीताल राजभवन के 125 वर्ष पूरे होने के अवसर पर समारोह में भाग लिया। उन्होंने उत्तराखंड की प्रगति, महिला सशक्तिकरण एवं शिक्षा के क्षेत्रों में हुई उपलब्धियों की सराहना की। जानिए इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने क्या कहा।

Key Takeaways

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का नैनीताल राजभवन में समारोह में भाग लेना एक ऐतिहासिक घटना है।
  • उत्तराखंड ने पिछले 25 वर्षों में कई विकासात्मक लक्ष्यों को हासिल किया है।
  • महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार का प्रयास सराहनीय है।
  • राज्यपाल की टीम को सादगी और नैतिकता का पालन करना चाहिए।
  • राज्य की जनता राजभवन को पूजनीय मानती है।

नई दिल्ली, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को उत्तराखंड के नैनीताल स्थित राजभवन की स्थापना के 125 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह में भाग लिया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि जिस प्रकार स्वतंत्र भारत में राष्ट्रपति भवन गणतंत्र का प्रतीक है, उसी प्रकार राज्यों में राजभवन लोकतांत्रिक व्यवस्था का प्रतीक हैं। इसी प्रकार उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद यह भवन उत्तराखंड की प्रगति का एक अंग बन गया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि संसदीय प्रणाली में राज्यपाल राज्य की शासन व्यवस्था का संवैधानिक प्रमुख होता है। संविधान निर्माताओं ने राज्यपाल की शक्तियों और कर्तव्यों का निर्धारण गहन विचार-विमर्श के बाद किया था। राज्य की जनता राजभवन को पूजनीय मानती है, इसलिए राज्यपाल की टीम के सभी सदस्यों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे सादगी, विनम्रता, नैतिकता और संवेदनशीलता के आदर्शों को अपनाएं।

राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि अपनी स्थापना के बाद से उत्तराखंड राज्य निरंतर प्रगति और समृद्धि की एक उल्लेखनीय यात्रा पर अग्रसर है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राज्यपाल और उनकी टीम राज्य के निवासियों को अमूल्य प्रेरणा प्रदान करते रहेंगे और उत्तराखंड निरंतर प्रगति करता रहेगा।

इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड विधानसभा को संबोधित किया था और कहा कि 25 साल की इस यात्रा में राज्य ने विकास के प्रभावशाली लक्ष्यों को हासिल किया है। पर्यावरण, पर्यटन और शिक्षा समेत अनेकों क्षेत्रों में राज्य ने सराहनीय प्रगति की।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, 'मुझे यह जानकारी खुशी हुई है कि राज्य में साक्षरता बढ़ी है। महिलाओं की शिक्षा में विस्तार हुआ है। मातृ और शिशु मृत्यु दर में भी पहले के मुकाबले कमी आई है। स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने में भी राज्य सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं।'

महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार के कामों की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, "महिला सशक्तिकरण के प्रयासों से सुशीला बलूनी, बछेंद्री पाल, गौरा देवी, राधा भट्ट और वंदना कटारिया जैसी असाधारण महिलाओं की गौरवशाली परंपरा आगे बढ़ेगी। ऋतु खंडूरी भूषण को राज्य की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष के रूप में चुनकर विधानसभा ने अपना गौरव बढ़ाया है। मैं चाहूंगी कि सभी हितधारकों के प्रयासों से उत्तराखंड विधानसभा में महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी।

Point of View

बल्कि उत्तराखंड की विकास यात्रा की भी पुष्टि करता है। यह कार्यक्रम यह दर्शाता है कि किस प्रकार लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने के लिए राज्यपाल के कार्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण है।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नैनीताल राजभवन के 125 वर्ष पूरे होने पर क्या कहा?
उन्होंने उत्तराखंड की प्रगति और महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि यह भवन राज्य की लोकतांत्रिक व्यवस्था का प्रतीक है।
उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में क्या प्रगति हुई है?
राज्य में साक्षरता बढ़ी है, महिलाओं की शिक्षा में विस्तार हुआ है और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आई है।