क्या भारत और बहरीन के बीच उच्च संयुक्त आयोग ने द्विपक्षीय संबंधों को नई मजबूती दी?

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क्या भारत और बहरीन के बीच उच्च संयुक्त आयोग ने द्विपक्षीय संबंधों को नई मजबूती दी?

सारांश

भारत और बहरीन के बीच उच्च संयुक्त आयोग की बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान की। इस बैठक में व्यापार, स्वास्थ्य, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। क्या ये कदम दोनों देशों के लिए नए अवसरों का द्वार खोलेंगे?

Key Takeaways

  • भारत और बहरीन के बीच उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन
  • द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि
  • निवेश और आर्थिक सहयोग पर जोर
  • स्वास्थ्य और रक्षा में सहयोग में सुधार
  • दोहरे कराधान परिहार समझौते पर बातचीत शुरू

नई दिल्ली, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और बहरीन के बीच पांचवीं उच्च संयुक्त आयोग (एचजेएस) बैठक का आयोजन सोमवार को नई दिल्ली में हुआ। इस बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और बहरीन के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्लातिफ बिन राशिद अलजयानी ने की।

दोनों नेताओं ने दिसंबर 2024 में बहरीन में हुई चौथी बैठक के बाद से बने संबंधों की सराहना की। उन्होंने भारत और बहरीन के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान पर संतोष जताया। बैठक में रक्षा, सुरक्षा, आर्थिक, व्यापार, निवेश, सीमा शुल्क, स्वास्थ्य, वित्तीय प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, संस्कृति और जन-जन संबंध जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा हुई।

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दोनों पक्षों ने व्यापार और आर्थिक मोर्चे पर हुई प्रगति का स्वागत किया। द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2024-25 में 1.64 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है। भारत बहरीन के शीर्ष पांच व्यापारिक साझेदारों में शामिल है। इलेक्ट्रॉनिक्स, पेट्रोलियम उत्पाद, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, आधार धातु और रत्न-आभूषण जैसे क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाने की क्षमता पर जोर दिया गया। दोनों देशों के बीच निवेश भी तेजी से बढ़ रहा है।

चौथे एचजेएस की सहमति के मुताबिक, व्यापार और निवेश पर संयुक्त कार्य समूह की स्थापना और व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर बातचीत शुरू होने पर चर्चा हुई। ये कदम व्यापार-निवेश को नई गति देंगे। द्विपक्षीय निवेश संधि की वार्ता में प्रगति का स्वागत किया गया। दोहरे कराधान परिहार समझौते (डीटीएए) पर बातचीत शुरू करने पर सहमति बनी। इससे दोहरा कर समाप्त होगा, कर निश्चितता मिलेगी और व्यापार-निवेश बढ़ेगा।

बहरीन ईडीबी ने विनिर्माण, रसद, आईसीटी, पर्यटन, वित्तीय सेवाएं, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में भारतीय निवेश का समर्थन दोहराया। बहरीन भारत को रणनीतिक बाजार मानता है और नियमित संपर्क बनाए रखेगा। फिनटेक, बुनियादी ढांचा और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारत को निवेश गंतव्य के रूप में देखा जा रहा है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने पर संतोष जताया गया। स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सा अनुसंधान, फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों पर फोकस रखा गया। जनवरी 2025 में स्वास्थ्य सहयोग पर संयुक्त कार्यदल की दूसरी बैठक ने आपसी समझ बढ़ाई। डिजिटल स्वास्थ्य, चिकित्सा मूल्य श्रृंखला और स्वास्थ्य लागत नियंत्रण में सफलताओं का आदान-प्रदान होगा।

अंतरिक्ष सहयोग को गहरा करने पर प्रगति हुई। बहरीन स्पेस एजेंसी (बीएसए) और न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के बीच एमओयू मसौदा अंतिम रूप ले रहा है। रक्षा-सुरक्षा में भविष्य के सहयोग पर आशा जताई गई। दोनों पक्षों ने आतंकवाद की सभी अभिव्यक्तियों की निंदा की। सीमा पार आतंकवाद से निपटने की प्रतिबद्धता दोहराई गई। पहलगाम में हुए सशस्त्र आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की गई।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत और बहरीन के संबंधों में यह बैठक एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। द्विपक्षीय सहयोग में वृद्धि से न केवल व्यापार में सुधार होगा, बल्कि सामरिक संबंध भी मजबूत होंगे। हमें उम्मीद है कि यह सहयोग दोनों देशों के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोलेगा।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

उच्च संयुक्त आयोग का उद्देश्य क्या है?
उच्च संयुक्त आयोग का उद्देश्य भारत और बहरीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।
इस बैठक में कौन से क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई?
बैठक में रक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, और निवेश जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की गई।
द्विपक्षीय व्यापार का वर्तमान स्थिति क्या है?
वित्त वर्ष 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार 1.64 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है।
बहरीन भारत को किस प्रकार का बाजार मानता है?
बहरीन भारत को एक रणनीतिक बाजार मानता है और नियमित संपर्क बनाए रखने की योजना है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग कैसे बढ़ाया जाएगा?
स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के लिए चिकित्सा अनुसंधान, फार्मास्यूटिकल्स, और स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।