क्या मुंबई क्राइम ब्रांच ने रोहित आर्या के एनकाउंटर में 7 लोगों का बयान दर्ज किया?

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क्या मुंबई क्राइम ब्रांच ने रोहित आर्या के एनकाउंटर में 7 लोगों का बयान दर्ज किया?

सारांश

मुंबई क्राइम ब्रांच ने रोहित आर्या के एनकाउंटर में शामिल अधिकारियों और गवाहों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है। इस मामले की विस्तृत जांच के लिए मजिस्ट्रियल प्रक्रिया शुरू हो गई है। क्या यह जांच सच को उजागर करेगी?

Key Takeaways

  • रोहित आर्या का एनकाउंटर 30 अक्टूबर को हुआ।
  • पुलिस ने 7 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं।
  • मानवाधिकार आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है।
  • मजिस्ट्री जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
  • पुलिस आर्या के डिजिटल डेटा की जांच कर रही है।

मुंबई, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई क्राइम ब्रांच ने रोहित आर्या के एनकाउंटर से संबंधित अधिकारी एपीआई अमोल वाघमारे का बयान दर्ज किया है।

अब तक पवई पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक जीतेन्द्र सोनवणे, स्टूडियो मालिक मनीष अग्रवाल, एपीआई अमोल वाघमारे और कुछ बच्चों के माता-पिता के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं।

आर्या की पत्नी का मानसिक स्वास्थ्य ठीक होने के बाद उनका बयान भी लिया जाएगा। क्राइम ब्रांच के अनुसार, घटना के दिन नांदेड़ के 5, कोल्हापुर का 1, साकीनाका और बोरीवली के 2-2, और नवी मुंबई के 3 बच्चे शूटिंग में शामिल थे।

मानवाधिकार आयोग ने इस मामले का संज्ञान लिया है, और पुलिस ने 24 घंटे के भीतर उन्हें रिपोर्ट भेज दी है। जांच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा आर्या के मोबाइल और डिजिटल डेटा की जांच है।

पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त कर लिया है और यह देख रही है कि क्या उसने गूगल पर 'बंधक' या इससे संबंधित कोई खोज की थी। उसके कई बैंक खातों के लेन-देन की भी जांच की जा रही है। पुलिस आर्या की मेडिकल और मानसिक स्थिति की भी जांच कर रही है, लेकिन अभी तक किसी ने भी उसके मानसिक स्वास्थ्य के बारे में कुछ नहीं कहा है।

मुंबई में 30 अक्टूबर को रिकॉर्डिंग स्टूडियो में 17 लोगों को बंधक बनाए जाने की एक सनसनीखेज घटना हुई थी, जिसके दौरान पुलिस मुठभेड़ में संदिग्ध रोहित आर्या की मौत हो गई। अब इस मामले की स्वतंत्र मजिस्ट्रियल जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने बताया कि मजिस्ट्रेट गवाहों को समन जारी करेंगे, उनके बयान दर्ज करेंगे, और एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगे।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) सत्यनारायण चौधरी ने सोमवार को पुष्टि की कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और कानूनी प्रक्रिया के तहत रोहित आर्या की मौत की मजिस्ट्रियल जांच अनिवार्य रूप से की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह जांच पूरी तरह स्वतंत्र होगी और किसी भी पुलिस अधिकारी के प्रभाव से मुक्त रहेगी। अब मजिस्ट्रियल जांच यह पता लगाएगी कि मुठभेड़ की परिस्थितियां क्या थीं और पुलिस की कार्रवाई न्यायसंगत थी या नहीं। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

राष्ट्र प्रेस

एमएस/

Point of View

जिससे न्याय का पूरा पालन हो सके।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

रोहित आर्या का एनकाउंटर कब हुआ?
रोहित आर्या का एनकाउंटर 30 अक्टूबर को हुआ था।
इस मामले में मानवाधिकार आयोग का क्या कहना है?
मानवाधिकार आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है और पुलिस ने 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट भेजी है।
क्या रोहित आर्या की पत्नी का बयान लिया जाएगा?
हाँ, उनकी पत्नी का बयान उनकी मानसिक स्थिति ठीक होने के बाद लिया जाएगा।
मजिस्ट्री जांच का क्या उद्देश्य है?
मजिस्ट्रियल जांच का उद्देश्य मुठभेड़ की परिस्थितियों और पुलिस की कार्रवाई की न्यायसंगतता की जांच करना है।
क्या पुलिस ने आर्या का मोबाइल जब्त किया है?
जी हाँ, पुलिस ने आर्या का मोबाइल जब्त कर लिया है और उसकी जांच कर रही है।