क्या नरेन तम्हाने की विकेटकीपिंग ने बदल दी उनकी किस्मत?

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क्या नरेन तम्हाने की विकेटकीपिंग ने बदल दी उनकी किस्मत?

सारांश

नरेन तम्हाने एक पूर्व भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज हैं, जिनकी विकेटकीपिंग ने उनकी किस्मत को बदल दिया। उनके तेज रिफ्लेक्स और शानदार स्टंपिंग की तुलना ऑस्ट्रेलियाई वैली ग्राउट से की जाती है। जानिए कैसे उनकी यात्रा ने क्रिकेट में एक नई परिभाषा दी।

Key Takeaways

  • नरेन तम्हाने का जन्म 4 अगस्त 1931 को हुआ था।
  • उन्होंने 1951/52 में फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत की।
  • उनकी तुलना वैली ग्राउट से की जाती है।
  • उन्होंने भारत के लिए 21 टेस्ट मैच खेलते हुए 225 रन बनाए।
  • नरेन ने 19 मार्च 2002 को दुनिया को अलविदा कहा।

नई दिल्ली, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। नरेन तम्हाने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज थे। उनकी तेज रिफ्लेक्स और शानदार स्टंपिंग के लिए उन्हें जाना जाता था। तम्हाने की तुलना ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर वैली ग्राउट से की जाती थी। नरेन का भारतीय क्रिकेट में योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।

4 अगस्त 1931 को बॉम्बे के एक जमींदार परिवार में जन्मे नरेन के पिता एक सरकारी कर्मचारी थे।

हालांकि नरेन गेंदबाज थे, लेकिन जब क्लब में विकेटकीपर की कमी हुई, तो उन्हें दस्ताने पहनने पड़े। इस नई भूमिका ने उनकी किस्मत को बदल दिया।

नरेन ने 1951/52 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कदम रखा। उन्होंने 1952-53 में रोहिंटन बारिया ट्रॉफी में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी का खिताब जीता, जहां उन्होंने 68.20 की औसत से 341 रन बनाए।

अगले सत्र में उन्हें फ्रैंक वॉरेल की कॉमनवेल्थ इलेवन के खिलाफ अनौपचारिक 'टेस्ट' खेलने का मौका मिला। उसी वर्ष नरेन ने रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया, जिसके बाद जनवरी 1955 में उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का अवसर मिला।

नरेन तम्हाने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में बतौर विकेटकीपर पांच शिकार करने वाले कुछ भारतीय खिलाड़ियों में से एक थे। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला, जहां उन्होंने पहली पारी में तीन कैच लपके और एक खिलाड़ी को स्टंप आउट किया।

नरेन उस समय के बेहतरीन भारतीय विकेटकीपर्स में से एक थे और उन्होंने 21 टेस्ट

उनकी तुलना वैली ग्राउट से की जाती है, जो ऑस्ट्रेलिया के महानतम विकेटकीपर्स में से एक हैं। ग्राउट को 2016 में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा, नरेन ने फर्स्ट क्लास करियर में कुल 93 मुकाबले खेले, जिसमें एक शतक और पांच अर्धशतक के साथ 1,459 रन बनाए। उन्होंने फर्स्ट क्लास करियर में 174 कैच और 79 स्टंपिंग का रिकॉर्ड भी बनाया। 19 मार्च 2002 को 71 वर्ष की आयु में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा।

Point of View

नरेन तम्हाने की कहानी हमें बताती है कि कैसे एक खिलाड़ी अपनी स्थिति को बदल सकता है और अपने कौशल के दम पर नई ऊँचाइयों तक पहुंच सकता है। यह कहानी न केवल क्रिकेट के प्रति उनके समर्पण को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भारतीय क्रिकेट में उनकी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण रही है।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

नरेन तम्हाने कौन थे?
नरेन तम्हाने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज थे, जिनकी विकेटकीपिंग ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई।
नरेन तम्हाने का जन्म कब हुआ?
नरेन तम्हाने का जन्म 4 अगस्त 1931 को बॉम्बे में हुआ था।
उन्होंने कितने टेस्ट मैच खेले?
नरेन तम्हाने ने भारत की ओर से 21 टेस्ट मैच खेले।
उनकी तुलना किससे की जाती है?
उनकी तुलना ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर वैली ग्राउट से की जाती है।
नरेन तम्हाने का अंतरराष्ट्रीय करियर कब शुरू हुआ?
उनका अंतरराष्ट्रीय करियर जनवरी 1955 में शुरू हुआ।