क्या तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष 29 सितंबर को अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- सुनवाई 29 सितंबर और 1 अक्टूबर को होगी।
- अयोग्यता याचिकाएं बीआरएस के खिलाफ हैं।
- सुनवाई में दलबदलू विधायकों की उपस्थिति अनिवार्य है।
- विधानसभा परिसर में प्रतिबंध लागू रहेंगे।
- सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश महत्वपूर्ण है।
हैदराबाद, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना विधानसभा के अध्यक्ष गद्दाम प्रसाद कुमार 29 सितंबर को बीआरएस द्वारा दायर चार अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे।
अध्यक्ष ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के 10 दलबदलू विधायकों द्वारा प्रस्तुत तर्कों की समीक्षा करने के बाद संविधान की दसवीं अनुसूची के अंतर्गत कार्यवाही शुरू करने का निर्णय लिया है।
विधानसभा सचिव वी. नरसिम्हा चार्युलु द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, अध्यक्ष चार दलबदलू विधायकों के वकीलों की जिरह सुनेंगे।
सुनवाई 29 सितंबर और 1 अक्टूबर को होगी।
दलबदलू विधायकों में टी. प्रकाश गौड़ (राजेंद्रनगर), काले यादैया (चेवेल्ला), गुडेम महिपाल रेड्डी (पाटनचेरु) और बंदला कृष्ण मोहन रेड्डी (जोगुलम्बा गडवाल) शामिल हैं, जो इस सुनवाई में उपस्थित रहेंगे।
29 सितंबर को, बीआरएस विधायक कल्वाकुंतला संजय गौड़ के वकील, चिंता प्रभाकर यादैया और महिपाल रेड्डी के वकील, और पल्ला राजेश्वर रेड्डी कृष्ण मोहन रेड्डी के वकील जिरह करेंगे।
1 अक्टूबर को, गौड़ से संजय के वकील, यादैया और महिपाल रेड्डी से प्रभाकर के वकील, और कृष्ण मोहन रेड्डी से राजेश्वर रेड्डी के वकील पूछताछ करेंगे।
सुनवाई दोनों दिन सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक होगी।
बीआरएस नेताओं ने सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हुए 10 पार्टी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए अध्यक्ष के समक्ष याचिकाएं दायर की थीं।
उन्होंने अपनी याचिकाओं पर निर्णय देने में अध्यक्ष द्वारा की गई देरी को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
31 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय ने विधानसभा को निर्देश दिया कि वह नवंबर 2023 के चुनावों के बाद कांग्रेस में शामिल हुए 10 बीआरएस विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं पर तीन महीने के भीतर निर्णय ले।
तेलंगाना विधानसभा के इतिहास में यह पहली बार है जब अध्यक्ष अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं।
इस बीच, संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत न्यायाधिकरण द्वारा अयोग्यता याचिकाओं की सुनवाई के मद्देनजर विधानमंडल सचिव ने विधानसभा परिसर में प्रतिबंध लगा दिए हैं।
विधानमंडल भवन परिसर में न्यायाधिकरण की कार्यवाही के दौरान, 29 सितंबर से 6 अक्टूबर तक प्रतिबंध लागू रहेंगे।
बिना वैध अनुमति के आगंतुकों को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। मीडिया कर्मियों को परिसर में प्रवेश की बिल्कुल भी अनुमति नहीं होगी। विधानमंडल सचिव ने बताया कि मीडिया केंद्रों और भवन परिसर में प्रेस वार्ता की अनुमति नहीं है।
पूर्व विधान पार्षदों, पूर्व विधायकों और पूर्व सांसदों को प्रवेश की अनुमति नहीं है, जबकि विधान पार्षदों और विधायकों को केवल अपने-अपने विधायक दल के कार्यालयों तक ही जाने की अनुमति है।
10वीं अनुसूची के तहत न्यायाधिकरण के समक्ष उपस्थित होने वाले सदस्यों (याचिकाकर्ता और प्रतिवादी) और उनके वकीलों से अनुरोध है कि वे मोबाइल फोन न लाएं।
सचिव ने कहा कि जो भी व्यक्ति कार्यवाही की रिकॉर्डिंग करने तथा अपने फोन से फोटो लेने में संलिप्त पाया जाएगा, उसके गैजेट जब्त कर लिए जाएंगे तथा संबंधित वकील को कार्यवाही में उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।