क्या थकान और अनियमित धड़कन के पीछे पोटैशियम की कमी है?
सारांश
Key Takeaways
- पोटैशियम की कमी से थकान और दिल की धड़कन की अनियमितता हो सकती है।
- हर दिन 3,500 से 4,700 मिलीग्राम पोटैशियम की जरूरत होती है।
- केला, आलू और पालक जैसे खाद्य पदार्थ पोटैशियम के अच्छे स्रोत हैं।
- नमक का सेवन कम करें और ताजे फल-सब्जियां खाएं।
- लक्षण बढ़ने पर डॉक्टर से परामर्श करें।
नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों में अचानक थकान, मांसपेशियों में खिंचाव, दिल की धड़कन का अनियमित होना या हाथ-पैर का सुन्न पड़ना आम बातें हैं। अधिकांश लोग इसे मौसम के प्रभाव या कमजोरी समझते हैं, लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि इसका सबसे प्रमुख कारण शरीर में पोटैशियम की कमी है।
पोटैशियम की कमी शरीर का असली शत्रु है। इसे 'इलेक्ट्रोलाइट का राजा' कहा जाता है, क्योंकि यह दिल की धड़कन, ब्लड प्रेशर, नसों की कार्यक्षमता और मांसपेशियों की ताकत को सीधे प्रभावित करता है। पोटैशियम हर सेल के अंदर मौजूद एक महत्वपूर्ण खनिज है। यह दिल को स्थिर बनाए रखता है, नर्व सिग्नल को सही तरीके से भेजता है, मांसपेशियों में ऐंठन को रोकता है और पानी-सोडियम का संतुलन बनाए रखता है।
पोटैशियम की कमी होने पर थकान, मांसपेशियों में झटके, कब्ज, सिरदर्द, चक्कर और गंभीर मामलों में दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं।
विशेषज्ञ पोटैशियम की कमी के प्रमुख कारणों के बारे में बताते हैं। ज्यादा नमकफास्ट फूड, कम पानी पीना, ज्यादा चाय-कॉफी, उल्टी-दस्त और कुछ दवाइयां, जैसे कि ब्लड प्रेशर की दवा लेना आदि, पोटैशियम की कमी के मुख्य कारणों में शामिल हैं।
वहीं, विज्ञान के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 3,500 से 4,700 मिलीग्राम पोटैशियम की आवश्यकता होती है, जिसे साधारण भोजन से आसानी से पूरा किया जा सकता है।
पोटैशियम के बेहतरीन प्राकृतिक स्रोतों में केला, उबला आलू, पालक, नारियल पानी, एवोकाडो, सूखी खुबानी, कद्दू के बीज, राजमा, चुकंदर का रस, टमाटर का रस और संतरा शामिल हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इसे सही तरीके से लेने के लिए नमकफल-सब्जियां कच्ची या उबालकर खाएं, तलने से बचें और दिन में कम से कम 2 या 3 पोटैशियम वाले खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल करें।
विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में शरीर को अधिक गर्मी और एनर्जी चाहिए, इसलिए पोटैशियम की कमी जल्दी महसूस होती है। रोजाना केला, नारियल पानी, पालक की सब्जी या उबला आलू जैसी छोटी-छोटी चीजें खाने से थकान, ऐंठन और कमजोरी दूर हो जाती है। यदि लक्षण अधिक हैं, तो डॉक्टर से जांच करवाएं और सलाह के अनुसार ही भोजन करें।