क्या ठाकरे ब्रदर्स के साथ आने से मुस्लिम समाज नाराज है? : संजय निरुपम

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क्या ठाकरे ब्रदर्स के साथ आने से मुस्लिम समाज नाराज है? : संजय निरुपम

सारांश

शिवसेना नेता संजय निरुपम ने ठाकरे ब्रदर्स के एक साथ आने पर मुस्लिम समाज की नाराजगी और महा विकास अघाड़ी पर प्रभावों पर चर्चा की है। क्या यह नया गठबंधन विपक्ष के लिए नुकसानदेह साबित होगा? जानिए उनके विचारों को।

Key Takeaways

  • संजय निरुपम का मानना है कि ठाकरे ब्रदर्स का एक साथ आना मुस्लिम समाज के लिए नकारात्मक है।
  • उन्होंने वोटर लिस्ट रिवीजन की आवश्यकता पर जोर दिया।
  • राजनीति में मर्यादा और शालीनता बनाए रखना आवश्यक है।

मुंबई, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे के एक साथ आने पर तंज कसा है। उन्होंने शनिवार को कहा कि दोनों के एक साथ आने से महा विकास अघाड़ी को ही नुकसान होगा।

संजय निरुपम ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि मुस्लिम समाज दोनों भाइयों के एक साथ होने से खुश नहीं है। राज ठाकरे को मुस्लिम समाज के लोग पसंद नहीं करते हैं। उनकी ऐसी छवि से उद्धव ठाकरे को ही नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों के साथ आने से महा विकास अघाड़ी नए रूप में सामने आ रही है, लेकिन यह गठबंधन फायदे से ज्यादा नुकसान ही देगा। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की नीतियां अलग रही हैं। दोनों का अपना वोट बैंक है। जो लोग उद्धव को पसंद करते हैं, वे राज ठाकरे को पसंद नहीं करते हैं। जो लोग राज ठाकरे को पसंद करते हैं, वे उद्धव ठाकरे को पसंद नहीं करते हैं।

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर 9 जुलाई को 'इंडिया' ब्लॉक की ओर से चक्का जाम की घोषणा पर शिवसेना नेता ने कहा कि चुनाव आ रहे हैं तो विपक्ष अपनी जमीन बनाने के लिए कुछ न कुछ तो करेगा, जिससे वह दिखाई दे। वोटर लिस्ट रिवीजन जरूरी है। बिहार में लगभग डेढ़ से दो करोड़ लोग बाहर से आकर बसे हुए हैं जिसमें अधिकतर संख्या बांग्लादेशियों की है। यहां अवैध रूप से बसे लोगों के दम पर विपक्ष वोट बैंक की राजनीति करना चाहता है। वोटर लिस्ट के रिवीजन में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि केवल मूल भारतीय नागरिकों के नाम ही शामिल हों। जो लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वोटर लिस्ट में हैं, उन्हें बाहर कर कार्रवाई की जानी चाहिए। सिर्फ आधार कार्ड ही नहीं, आवश्यक दस्तावेजों की चैकिंग भी होनी चाहिए।

उन्होंने इंडी अलायंस के चक्का जाम की घोषणा को राजनीति स्टंट करार दिया है। शिवसेना नेता ने कहा कि आने वाले दिनों में ऐसे कई और स्टंट देखने को मिलेंगे। विपक्ष जनता को प्रभावित करने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाएगा। ये सब चुनावी रणनीति का हिस्सा है।

भाजपा को लेकर उद्धव ठाकरे के बयान पर शिवसेना नेता ने कहा कि किसी पार्टी के ध्वज पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना दुर्भाग्यपूर्ण है। हर पार्टी का अपना विचार, एजेंडा और झंडा होता है, जिसका सम्मान होना चाहिए। यदि हम लोकतांत्रिक परंपराओं को सभ्य और पवित्र बनाए रखना चाहते हैं, तो एक-दूसरे के प्रतीकों और विचारों का आदर करना जरूरी है। राजनीति में मर्यादा और शालीनता बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।

'जय गुजरात' बोलने पर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की विपक्ष की ओर से आलोचना किए जाने पर शिवसेना नेता ने कहा कि 'जय गुजरात' कहकर हमारे नेता ने कोई अपराध नहीं किया है। जिस तरह से विपक्षी दलों की ओर से एकनाथ शिंदे को टारगेट किया जा रहा है, वह गलत है। शिंदे ने उद्धव ठाकरे से जुड़ा एक वीडियो दिखाया, जिसमें वह 'जय गुजरात' बोलते दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष को सवाल करना है तो उद्धव ठाकरे से भी करना चाहिए। राजनीति में स्तर बनाए रखना बेहद जरूरी है।

Point of View

संजय निरुपम के विचार महत्त्वपूर्ण हैं, विशेषकर जब बात मुस्लिम समाज की होती है। यह एक संवेदनशील मुद्दा है और हमें यह समझना होगा कि राजनीतिक गठबंधन कभी-कभी जनता के बीच विभाजन भी पैदा कर सकते हैं।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

संजय निरुपम ने ठाकरे ब्रदर्स के गठबंधन पर क्या कहा?
संजय निरुपम ने कहा कि ठाकरे ब्रदर्स का एक साथ आना महा विकास अघाड़ी के लिए नुकसानदायक होगा और मुस्लिम समाज की नाराजगी भी बढ़ेगी।
क्या मुस्लिम समाज ठाकरे ब्रदर्स के एक साथ आने से खुश है?
मुस्लिम समाज ठाकरे ब्रदर्स के एक साथ आने से खुश नहीं है और राज ठाकरे की छवि को लेकर चिंता है।
बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन पर संजय निरुपम का क्या कहना है?
उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट रिवीजन जरूरी है और इसमें केवल मूल भारतीय नागरिकों के नाम शामिल होने चाहिए।