क्या पूर्व टीटीडी अध्यक्ष सुब्बा रेड्डी ने टीडीपी पर आरोप लगाया कि वो तिरुमला मंदिर की बदनामी कर रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- सुब्बा रेड्डी ने टीडीपी पर गंभीर आरोप लगाए।
- लड्डू विवाद को राजनीतिक लाभ के लिए उठाया जा रहा है।
- जांच के लिए एसआईटी की भूमिका महत्वपूर्ण है।
अमरावती, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। वाईएसआरसीपी संसदीय दल के नेता और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के पूर्व अध्यक्ष वाई.वी. सुब्बा रेड्डी ने गुरुवार को तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) पर पवित्र तिरुमला श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर को राजनीतिक विवादों में खींचने का आरोप लगाया।
दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि लड्डू प्रसाद के संबंध में फैलाया गया “झूठा प्रचार” मंदिर की वैश्विक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने का प्रयास है, जबकि एसआईटी जांच अभी जारी है।
सुब्बा रेड्डी ने कहा कि वे किसी भी प्रकार की जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं, चाहे वह सार्वजनिक रूप से मीडिया की मौजूदगी में लाई डिटेक्टर टेस्ट ही क्यों न हो। उन्होंने कहा, “सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए हमें बदनाम किया जा रहा है।”
पूर्व टीटीडी अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें केवल इसीलिए निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि वे पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के करीबी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि टीडीपी और उसके समर्थक मीडिया जानबूझकर लड्डू विवाद को उनसे जोड़कर राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं।
उन्होंने याद दिलाया कि लड्डू में जानवरों की चर्बी के उपयोग का आरोप सबसे पहले मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने लगाया था। इसके बाद उन्होंने मंदिर की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा, “अगर मेरे पास छिपाने के लिए कुछ होता, तो मैं सुप्रीम कोर्ट क्यों जाता?”
उन्होंने स्पष्ट किया कि टीटीडी में अनिवार्य लैब टेस्ट के बिना कोई भी घटिया घी उत्पादन में शामिल नहीं हो सकता। संदिग्ध टैंकर जून–जुलाई 2024 में आए थे, जब टीडीपी की सरकार थी और एसआईटी ने पुष्टि की है कि उन्हें अस्वीकार कर बाद में फिर अगस्त में दूसरी जगह भेजा गया। यदि मिलावट हुई है, तो जिम्मेदारी उस समय की सरकार की है।
उन्होंने बताया कि 2019 से 2024 तक 20 करोड़ लड्डू में मिलावटी घी के उपयोग के आरोप “शर्मनाक और पूरी तरह राजनीतिक” हैं। यूपीए पूर्व नेता ने मांग की कि एसआईटी केवल चयनित अवधि की नहीं बल्कि पूरे 10 वर्षों की जांच करे।
उन्होंने कहा कि जब टीडीपी ने गड़बड़ी के आरोप लगाए, उसी के तुरंत बाद सितंबर 2024 में उनके शासन में घी 475 रुपए प्रति किलो खरीदा गया, तो उनकी ही परिभाषा के अनुसार यह भी संदिग्ध था।