क्या त्रिपुरा में बीएसएफ ने 3 करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद की और 3 लाख गांजे के पौधे उखाड़े?
सारांश
Key Takeaways
- बीएसएफ ने सफलतापूर्वक 3 करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद की।
- 3 लाख गांजे के पौधों को नष्ट किया गया।
- यह ऑपरेशन सिपाहीजला जिले में हुआ।
- ड्रग ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए सिस्टर एजेंसियों के साथ मिलकर कार्य किया गया।
- इस ऑपरेशन का नेतृत्व बिजॉय देबबर्मा ने किया।
अगरतला, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) ने त्रिपुरा में 3 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की 30,000 नशीली मेथामफेटामाइन टैबलेटों को बरामद किया और कई करोड़ रुपए की कीमत के 3,00,000 गांजे (कैनबिस) के पौधों को नष्ट कर दिया।
बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने जानकारी दी कि त्रिपुरा फ्रंटियर के बॉर्डर गार्डिंग फोर्स के जवानों ने विशेष इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर कार्रवाई करते हुए, सिपाहीजला जिले के भारतीय गांव भवानीपुर के पास जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया।
इस ऑपरेशन के दौरान, सतर्क बीएसएफ जवानों ने 30,000 मेथामफेटामाइन, जिसे याबा टैबलेट भी कहा जाता है (वजन 3 किलो), बरामद की, जिसकी कीमत 3 करोड़ रुपए है।
इसके अतिरिक्त, एक अलग संयुक्त ऑपरेशन में बीएसएफ के जवानों ने फॉरेस्ट डिपार्टमेंट और असम राइफल्स के साथ मिलकर, उसी सिपाहीजला के धनीरामपुर गांव के अंदरूनी इलाके में लगभग 10 एकड़ क्षेत्र में फैले सात प्लॉट में उगाए गए 3,00,000 गांजे के पौधों को नष्ट कर दिया।
बीएसएफ के एक बयान में कहा गया है कि ये सफल ऑपरेशन, त्रिपुरा के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, सिस्टर एजेंसियों के साथ मिलकर ड्रग ट्रैफिकिंग और अन्य ट्रांस-बॉर्डर अपराधों को रोकने के बीएसएफ के दृढ़ संकल्प को दर्शाते हैं।
18 नवंबर को, सिपाहीजला जिले में कई स्थानों पर राज्य और केंद्रीय बलों ने अवैध गांजे (कैनबिस) की खेती को समाप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर ऑपरेशन सफलतापूर्वक चलाया।
एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि यह ड्राइव सिपाहीजला जिला पुलिस, चार त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) बटालियन के जवानों, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, महिला त्रिपुरा स्टेट राइफल्स, जिला सिविल प्रशासन और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने मिलकर चलाया।
यह ऑपरेशन सिपाहीजला डिस्ट्रिक्ट के पुलिस सुपरिटेंडेंट बिजॉय देबबर्मा द्वारा चलाया गया। इसमें पांच पुलिस स्टेशन के क्षेत्र में आने वाले सुतारमुरा, टोकतुमदुम, चिट्टा रामबारी, उक्यामुरा, तुलामुरा, कमालनगर और घाटीगर क्षेत्रों को लक्ष्य बनाया गया।