क्या त्रिपुरा चिटफंड केस में सीबीआई ने कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार किया?

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क्या त्रिपुरा चिटफंड केस में सीबीआई ने कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार किया?

सारांश

सीबीआई ने त्रिपुरा चिटफंड केस में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गैर-जमानती वारंट के बावजूद अदालती पेशी से अनुपस्थिति के चलते कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार किया गया है। जानिए इस मामले की पूरी कहानी और सीबीआई की कार्रवाई का असर।

Key Takeaways

  • सीबीआई की कार्रवाई से निवेशकों को धोखाधड़ी से सुरक्षा मिलेगी।
  • गैर-जमानती वारंट का मतलब है कि आरोपी को जमानत नहीं मिलेगी।
  • चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
  • निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
  • इस मामले का ट्रायल न्यायालय में चल रहा है।

कोलकाता, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने त्रिपुरा चिटफंड केस में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। गैर-जमानती वारंट जारी होने के बावजूद अदालत में उपस्थित नहीं होने पर चिटफंड कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई सीबीआई ने सोमवार को की थी, जिसकी जानकारी मंगलवार को आधिकारिक रूप से साझा की गई।

सीबीआई की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कई लोगों द्वारा धोखाधड़ी की शिकायतें मिलने के बाद 14 मार्च 2023 को जांच एजेंसी ने चिटफंड कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। कंपनी के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की गई। इसी क्रम में त्रिपुरा चिटफंड मामले में कंपनी के निदेशक पार्थ को वांछित घोषित किया गया था।

जांच के अनुसार, आरोपी निदेशक की फर्म ने लगभग 25 लाख रुपये की सार्वजनिक धनराशि धोखाधड़ी और विश्वासघात के माध्यम से हड़प ली थी। इस धोखाधड़ी में निवेशकों को समय पर धनराशि और लाभ न लौटाना भी शामिल था। सीबीआई ने इस मामले में 28 सितंबर 2024 को चार्जशीट दाखिल की।

आरोपी के खिलाफ त्रिपुरा की विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) ने 22 जुलाई 2025 को गैर-जमानती वारंट जारी किया। इसके बावजूद, आरोपी निदेशक मुकदमे के दौरान निचली अदालत में नहीं आया। इसी कारण 11 अगस्त को सीबीआई ने कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के बाद आरोपी को कोलकाता की मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया। स्थानीय अदालत ने त्रिपुरा चिटफंड मामले में विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) के सामने पेश करने के लिए तीन दिनों की ट्रांजिट रिमांड मंजूर की। फिलहाल, इस मामले का ट्रायल जारी है।

Point of View

बल्कि यह देश में वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी देती है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

त्रिपुरा चिटफंड केस क्या है?
यह एक वित्तीय धोखाधड़ी का मामला है जिसमें चिटफंड कंपनी ने निवेशकों का पैसा हड़प लिया।
सीबीआई ने किसे गिरफ्तार किया?
सीबीआई ने चिटफंड कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार किया है।
गैर-जमानती वारंट का क्या मतलब है?
गैर-जमानती वारंट का मतलब है कि आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता।
इस मामले में अगला कदम क्या होगा?
इस मामले का ट्रायल जारी है और आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा।
कितना पैसा धोखाधड़ी में हड़प लिया गया?
आरोपी ने लगभग 25 लाख रुपये की सार्वजनिक धनराशि धोखाधड़ी की थी।