क्या त्रिपुरा सरकार की टीम 24 बचाए गए बाल श्रमिकों को वापस लाने में सफल होगी?

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क्या त्रिपुरा सरकार की टीम 24 बचाए गए बाल श्रमिकों को वापस लाने में सफल होगी?

सारांश

त्रिपुरा सरकार की टीम ने बाल श्रमिकों के बचाव के लिए अरुणाचल प्रदेश का रुख किया है। क्या वे सफल होंगे? जानिए इस गंभीर मुद्दे पर पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • त्रिपुरा सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं।
  • अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने प्रभावी कार्रवाई की है।
  • बाल श्रमिकों की तस्करी एक गंभीर सामाजिक मुद्दा है।
  • बचाव कार्य में पुलिस और सरकारी अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
  • परिवारों के लिए यह स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है।

अगरतला, 25 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस) - त्रिपुरा सरकार की एक तीन सदस्यीय आधिकारिक टीम ने गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश की ओर प्रस्थान किया है, जिसका उद्देश्य 24 बाल श्रमिकों और कुछ वयस्क श्रमिकों को वापस लाना है। इन बाल श्रमिकों को कथित तौर पर अवैध कार्य के लिए अरुणाचल प्रदेश में तस्करी करके लाया गया था, यह जानकारी एक मंत्री ने साझा की।

त्रिपुरा के श्रम, सामाजिक कल्याण और सामाजिक शिक्षा मंत्री टिंकू रॉय ने बताया कि बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी), श्रम विभाग और त्रिपुरा पुलिस के अधिकारियों वाली आधिकारिक टीम उनाकोटी जिला मुख्यालय कैलाशहर से रवाना हो चुकी है। उम्मीद है कि बचाए गए बच्चे और कुछ वयस्क अगले दो से तीन दिनों के भीतर त्रिपुरा वापस लाए जाएंगे।

त्रिपुरा पुलिस के अनुरोध पर अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने बुधवार को 24 बाल श्रमिकों और कुछ वयस्क श्रमिकों को बचाया, जिन्हें कथित तौर पर अवैध कार्य के लिए राज्य में तस्करी किया गया था।

त्रिपुरा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने बुधवार रात को सभी 24 बाल श्रमिकों और उनके साथ आए वयस्क श्रमिकों के सफल बचाव की सूचना दी।

बच्चों के परिवारवालों ने पहले दावा किया था कि लगभग 30 बच्चों को कुछ वयस्क श्रमिकों के साथ चुपके से अरुणाचल प्रदेश ले जाया गया था। हालांकि, बाद में जांच में पुष्टि हुई कि 24 बच्चों को जबरन अवैध काम के लिए ले जाया गया था।

त्रिपुरा के उनाकोटी जिले के कैलाशहर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी तापस मलाकर ने बताया कि लापता व्यक्तियों का मामला दर्ज होने के बाद त्रिपुरा पुलिस ने अरुणाचल प्रदेश पुलिस से संपर्क किया और बच्चों का पता लगाने में सहायता मांगी।

मलाकर ने मीडिया को बताया कि त्रिपुरा सरकार के अनुरोध पर अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने गहन तलाशी अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप बच्चों और वयस्क श्रमिकों को बचाया जा सका।

त्रिपुरा पुलिस महानिदेशक अनुराग ने फोन पर अरुणाचल प्रदेश के अपने समकक्ष आनंद मोहन से बात की और बच्चों को बचाने के लिए उनके हस्तक्षेप का अनुरोध किया।

बच्चों और युवाओं के परिवारवालों ने 23 दिसंबर को कैलाशहर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया गया और उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में रहने के लिए मजबूर किया गया, जिससे उन्हें गंभीर मानसिक पीड़ा हुई।

मलाकर ने स्थिति की मानवीय गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि परिवारवाले गहरे दुख में हैं और अपने प्रियजनों की सुरक्षित और शीघ्र वापसी के लिए बेताब हैं।

लापता बच्चों के माता-पिता उत्तरी त्रिपुरा के उनाकोटी जिले में चाय बागानों में काम करते हैं। इस बीच त्रिपुरा के मंत्री रॉय ने अरुणाचल प्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग, श्रम एवं रोजगार मंत्री न्यातो दुकाम को पत्र लिखकर बच्चों को बचाने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था।

Point of View

तो हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी बच्चों को सुरक्षित और संरक्षित रखा जाए। यह घटना केवल त्रिपुरा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक जागरूकता का विषय है।
NationPress
25/12/2025

Frequently Asked Questions

कितने बाल श्रमिकों को बचाया गया?
कुल 24 बाल श्रमिकों को बचाया गया है।
बचाव कार्य कब किया गया?
बचाव कार्य बुधवार को किया गया।
कौन सी टीम बचाव कार्य में शामिल थी?
त्रिपुरा सरकार की तीन सदस्यीय टीम और अरुणाचल प्रदेश पुलिस शामिल थी।
बाल श्रमिकों को किस कारण से तस्करी किया गया?
बाल श्रमिकों को अवैध काम के लिए तस्करी किया गया था।
पुलिस ने इस मामले में कैसे कार्रवाई की?
त्रिपुरा पुलिस ने अरुणाचल प्रदेश पुलिस से संपर्क किया और बच्चों को बचाने में सहायता मांगी।
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