क्या तुम्हारे पैर कभी घर पर नहीं रहते? प्रदीप भंडारी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात का रोचक किस्सा सुनाया

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क्या तुम्हारे पैर कभी घर पर नहीं रहते? प्रदीप भंडारी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात का रोचक किस्सा सुनाया

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली प्रदीप भंडारी की कहानी में उनके व्यक्तित्व की झलक मिलती है। कैसे एक मुलाकात ने घबराहट को आत्मविश्वास में बदल दिया, जानें इस अनोखे किस्से में।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गर्मजोशी और सादगी ने उन्हें खास बनाती है।
  • घबराहट को आत्मविश्वास में बदलने की क्षमता।
  • हर व्यक्ति के प्रति सम्मान और ध्यान देना।
  • छोटी-छोटी बातें भी बड़े प्रभाव पैदा कर सकती हैं।
  • नेतृत्व में व्यक्तिगत जुड़ाव का महत्व।

नई दिल्ली, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में 17 सितंबर को 'सेवा पखवाड़ा' की शुरुआत होगी, जो 2 अक्टूबर तक जारी रहेगा। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बिताए गए अनमोल पलों और उनके योगदान को याद किया।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो साझा करते हुए एक विस्तृत नोट लिखा। उन्होंने बताया कि मेरे गृहनगर इंदौर की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरे परिवार से मिलने के लिए समय निकाला। हम सभी घबराए हुए थे। आखिरकार, हम भारत के प्रधानमंत्री, एक वैश्विक नेता से मिलने वाले थे, लेकिन जैसे ही हम कमरे में प्रवेश किए, हमारी घबराहट समाप्त हो गई। ऐसा लगा जैसे हम किसी ऐसे व्यक्ति से मिल रहे हैं जिसे हम जीवन भर से जानते हैं।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का व्यवहार ऐसा है कि वे जिससे भी मिलते हैं, उसे यह महसूस कराते हैं कि उसे देखा जा रहा है, महत्व दिया जा रहा है और वह विशेष है। उन्होंने मेरे लगातार यात्रा करने के बारे में मुझसे मजाक किया, "तुम्हारे पैर कभी घर पर नहीं रहते।" उनके इस हल्के-फुल्के अंदाज ने मुलाकात से पहले की घबराहट को समाप्त कर दिया।

प्रदीप भंडारी ने कहा कि उस मुलाकात में हमने जमीनी स्तर पर काम करने, जिम्मेदारी और दूसरों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने के महत्व पर चर्चा की। उनकी ऊर्जा इतनी प्रगाढ़ थी कि जब हम वहां से गए, तो वह हमारे साथ रही, जिसका वर्णन करना असंभव है, लेकिन इसे भुलाना भी असंभव है। मैं अपने आप को भाग्यशाली मानता हूं, और मेरा परिवार भी, कि मैं उनसे मिला और न केवल उनका आशीर्वाद प्राप्त किया, बल्कि उनकी संक्रामक ऊर्जा भी हासिल की, जो आज भी मुझे प्रेरित करती है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने भी एक वीडियो साझा करते हुए कहा, "#मायमोदीस्टोरी, मैं दिवाली मिलन समारोह की एक याद साझा करना चाहूंगा, जो मेरे मन में ताजा है। राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में मैंने कई नेताओं को भीड़ को संबोधित करते देखा था, लेकिन उस शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा कोई नहीं था।"

उन्होंने कहा कि अगर उस हॉल में डेढ़ सौ लोग होते, तो पीएम मोदी हर एक के लिए समय निकालते। जब मेरी बारी आई, तो मैंने उन्हें मन में धन्यवाद दिया। मैंने हाल ही में राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया था और यह मेरे लिए आभार व्यक्त करने का पहला अवसर था। उन्होंने सिर हिलाया, उनकी आंखों में स्वीकृति और प्रोत्साहन दोनों झलक रहे थे। यह एक छोटा सा पल था, लेकिन मेरे मन में बस गया।

तुहिन सिन्हा ने कहा कि एक ऐसी दुनिया में जहां कई लोग भीड़ के बीच से दूरी या प्रोटोकॉल के चलते भागते हैं, प्रधानमंत्री मोदी यहां धीरे-धीरे सोच-समझकर आगे बढ़ रहे थे, यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई हाथ मिलाए बिना न छूटे, कोई अभिवादन अनकहा न रह जाए। उस शाम, उत्सव की भावना रोशनी या मिठाइयों में नहीं, बल्कि हर व्यक्ति को देखने और उसका सम्मान करने के उनके भाव में थी।

वहीं, भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने भी एक वीडियो साझा करते हुए कहा, "#मायमोदीस्टोरी, मुझे 29 सितंबर 2013 को अपना जन्मदिन आज भी याद है। यह एक ऐसा दिन था, जिसकी मैंने चुपचाप योजना बनाई थी। मैंने कुछ करीबी लोगों को आशीर्वाद लेने के लिए फोन करने की आदत बना ली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा उस लिस्ट में शामिल होते थे।"

उन्होंने कहा कि तब तक वे एक राष्ट्रीय हस्ती बन चुके थे और मैंने सोचा था कि जब वे 2014 में प्रधानमंत्री बनेंगे, तब मैं उन्हें फोन करना बंद कर दूंगा, लेकिन 2013 में मैंने उन्हें फोन किया। मैंने कहा, "मुझे पता है कि आपको अपना जन्मदिन मनाना पसंद नहीं है, लेकिन मुझे पसंद है और मैंने आपका आशीर्वाद लेने के लिए फोन किया है।"

सुनील देवधर ने कहा कि मुझे आश्चर्य हुआ कि उन्होंने मुस्कुराते हुए कुछ मजेदार बात कही। पीएम मोदी ने कहा, "आपको 29 सितंबर को जन्म लेने की इतनी जल्दी क्या थी? क्या आप दो दिन और इंतजार नहीं कर सकते ताकि पूरी दुनिया इसे मना सके?" मैं तुरंत हंस पड़ा। उन्होंने आगे बताया कि अगर जन्म 2 अक्टूबर को होता, तो आपका जन्मदिन महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के साथ मनाया जाता।

उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी अपना जन्मदिन कभी सार्वजनिक रूप से नहीं मनाते, फिर भी उन्होंने मेरे जन्मदिन को अविस्मरणीय बनाने के लिए समय निकाला। उनके शब्द सरल थे, लेकिन उन्होंने एक अमिट छाप छोड़ी। एक छोटी सी टिप्पणी ने उनकी विचारशीलता, व्यक्तिगत रूप से जुड़ने की उनकी क्षमता और साधारण पलों को असाधारण यादों में बदलने के उनके अनोखे अंदाज को दर्शाया। ऐसे पल बताते हैं कि नरेंद्र मोदी इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं। अपने भव्य हाव-भावों के कारण नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में उनके द्वारा लाई गई गर्मजोशी, हास्य और देखभाल के कारण। वह जन्मदिन की याद मेरे लिए हमेशा संजोकर रखने वाली चीज है।

Point of View

यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि पीएम मोदी का व्यक्तित्व न केवल उनके कार्यों में, बल्कि उनके व्यक्तित्व में भी झलकता है। उनकी गर्मजोशी और सादगी ने भारतीय राजनीति में एक नई मिसाल कायम की है।
NationPress
15/09/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन कब है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन 17 सितंबर को है।
सेवा पखवाड़ा कब से कब तक चलेगा?
सेवा पखवाड़ा 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा।
प्रदीप भंडारी ने पीएम मोदी के बारे में क्या कहा?
प्रदीप भंडारी ने बताया कि पीएम मोदी का व्यवहार ऐसा है कि वे हर व्यक्ति को खास महसूस कराते हैं।
तुहिन सिन्हा ने पीएम मोदी के बारे में क्या उल्लेख किया?
तुहिन सिन्हा ने कहा कि पीएम मोदी ने हमेशा सभी को समय दिया और उनसे मिले।
सुनील देवधर ने अपने जन्मदिन के बारे में क्या साझा किया?
सुनील देवधर ने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी से आशीर्वाद लेने के लिए फोन किया था।