क्या उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का साथ आना कोई समस्या है? : हर्षवर्धन सपकाल

सारांश
Key Takeaways
- उद्धव और राज ठाकरे की संयुक्त रैली 5 जुलाई को होगी।
- हर्षवर्धन सपकाल का कहना है कि कांग्रेस 'भारत जोड़ो' के लिए प्रतिबद्ध है।
- हिंदी भाषा पर विवाद सियासत का एक नया मोड़ है।
मुंबई, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर चल रहे विवाद के बीच सियासी हलचल तेज हो गई है। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे 5 जुलाई को मुंबई में एक संयुक्त रैली का आयोजन करेंगे। वर्षों बाद, ये दोनों भाई एक मंच पर एकत्रित होते हुए नजर आएंगे। उनके साथ आने पर, महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस 'भारत जोड़ो' की बात करती है, इसलिए अगर कोई साथ आ रहा है तो इसमें कोई समस्या नहीं है।
हर्षवर्धन सपकाल ने स्पष्ट किया कि यह हिंदी भाषा के विरोध का मुद्दा नहीं है, बल्कि हिंदी की सख्ती का विषय है। उन्हें समझना होगा कि मराठी भाषा को समाप्त करने की जो राजनीति है, उसे हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया था कि आयोग 1987 से 2004 के बीच जन्मे मतदाताओं से नागरिकता का प्रमाण मांगकर 'पीछे के दरवाजे से एनआरसी' लागू करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा है तो यह चुनाव आयोग का संदिग्ध कार्य है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले द्वारा संविधान की प्रस्तावना में 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्दों की समीक्षा की मांग पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है, यह उनका पुराना एजेंडा है। आरएसएस का असली चेहरा उनके बयान से सामने आ रहा है।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से बिजली बिलों में कटौती करने के फैसले पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार केवल घोषणाएं करती है। पहले भी कई घोषणाएं की गईं। सरकार स्मार्ट मीटर लगाने जा रही है, जिसमें संभावना है कि डेढ़ गुना ज्यादा बिल आएगा।