क्या केंद्र सरकार अल्पसंख्यक वोटरों को निशाना बना रही है? मतदाता सूची में अपने नाम की जांच करें: उदयनिधि स्टालिन

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क्या केंद्र सरकार अल्पसंख्यक वोटरों को निशाना बना रही है? मतदाता सूची में अपने नाम की जांच करें: उदयनिधि स्टालिन

सारांश

तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के चलते बड़ी संख्या में मतदाता अयोग्य हो गए हैं। उन्होंने नागरिकों से अपने नाम की जांच करने की अपील की। क्या यह सच है या महज राजनीतिक खेल?

Key Takeaways

  • केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए उदयनिधि स्टालिन ने प्रशासनिक प्रक्रिया की गंभीरता को उजागर किया।
  • राज्य में 97 लाख वोटर्स का नाम हटाने की बात सामने आई है।
  • नागरिकों को अपने वोट के अधिकार की पुष्टि करने का सुझाव दिया गया है।
  • सत्तारूढ़ डीएमके पार्टी ने प्रभावित मतदाताओं का समर्थन करने का वादा किया है।

चेन्नई, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के कारण पूरे राज्य में बड़ी संख्या में वोटर्स को अयोग्य घोषित कर दिया गया है।

चेन्नई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, उदयनिधि ने मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की पहले दी गई चेतावनी को दोहराया कि एसआईआर प्रक्रिया का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों, दलितों और मुसलमानों के वोट हटाने के लिए एक हथियार के तौर पर किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, "यह सिर्फ एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है। यह कमजोर समुदायों को वोट के अधिकार से वंचित करने की जानबूझकर की गई कोशिश है।"

उदयनिधि के अनुसार, अकेले तमिलनाडु में ही वोटर लिस्ट से लगभग 97 लाख नाम हटा दिए गए हैं, जिसमें चेन्नई में लगभग 14 लाख नाम हटाए गए हैं। उन्होंने नागरिकों से तुरंत यह जांच करने का आग्रह किया कि क्या उनके नाम अभी भी चुनावी सूची में हैं। सत्तारूढ़ डीएमके पार्टी ऐसे किसी भी व्यक्ति का समर्थन करेगी जिसका नाम गायब है।

उपमुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर 'दिल्ली से बनाई गई बाहरी रणनीतियों' के जरिए तमिलनाडु के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। शाह के इस दावे का जिक्र करते हुए कि भाजपा ने बिहार चुनावों में जीत हासिल की है और अब तमिलनाडु को निशाना बना रही है, उदयनिधि ने कहा कि ऐसे बयान लोगों को डराने के लिए दिए गए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भले ही ऐसी चालें बिहार या मध्य प्रदेश जैसे उत्तरी राज्यों में काम कर जाएं, लेकिन तमिलनाडु में वे सफल नहीं होंगी। हो सकता है कि आप उत्तर में जीत जाएं, लेकिन तमिलनाडु में आपकी योजनाएं कभी सफल नहीं होंगी। राज्य के लोग राजनीतिक रूप से जागरूक हैं और धमकियों से डरेंगे नहीं।

उदयनिधि ने नागरिकों से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने और अपने वोट के अधिकार की पुष्टि करने की व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "सभी को व्यक्तिगत रूप से जांच करनी चाहिए कि उनके वोट सुरक्षित हैं या नहीं। अगर आपका नाम हटा दिया गया है, तो कृपया तुरंत दोबारा रजिस्ट्रेशन कराएं। हमें अपने अधिकारों की रक्षा करनी होगी।"

उन्होंने आश्वासन दिया कि डीएमके प्रभावित मतदाताओं को पूरा समर्थन देगी और यह सुनिश्चित करेगी कि उन्हें दोबारा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में मार्गदर्शन मिले।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक मुद्दों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। वोटर लिस्ट में बदलाव का असर लोकतंत्र पर पड़ता है और इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी के अधिकार सुरक्षित हों।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

उदयनिधि स्टालिन ने केंद्र सरकार पर क्या आरोप लगाए हैं?
उदयनिधि स्टालिन ने आरोप लगाया कि विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के कारण अल्पसंख्यक वोटरों को अयोग्य घोषित किया जा रहा है।
राज्य में कितने वोटर्स का नाम हटाया गया है?
तमिलनाडु में करीब 97 लाख वोटर्स का नाम हटाया गया है।
डीएमके पार्टी ने प्रभावित मतदाताओं को क्या आश्वासन दिया है?
डीएमके ने प्रभावित मतदाताओं को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है।
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