क्या उद्योगों की मदद से आईटीआई अपग्रेड होंगे?
सारांश
Key Takeaways
- कौशल प्रशिक्षण को आधुनिक बनाना
- उद्योग-संचालित प्रशिक्षण
- 1,000 सरकारी आईटीआई का उन्नयन
- नवाचार केंद्र स्थापित करना
- सीएसआर लक्ष्यों से जुड़ना
नई दिल्ली, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश में कौशल प्रशिक्षण की संरचना को आधुनिक और उद्योग-संचालित बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस दिशा में, उद्योग जगत को पीएम-सेतू योजना में साझेदारी के लिए औपचारिक रूप से आमंत्रित किया गया है। यह पहल केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा की गई है।
मंत्रालय ने विभिन्न राज्य सरकारों और प्रशिक्षण महानिदेशालय के माध्यम से उद्योग जगत को औपचारिक रूप से आमंत्रित किया है। इस पहल के अंतर्गत मंत्रालय ने एंकर इंडस्ट्री पार्टनर्स को चुनने के लिए एक एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी किया है। ये इंडस्ट्री पार्टनर्स राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों के अपग्रेडेशन का नेतृत्व करेंगे। कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भी इस प्रक्रिया के तहत आईटीआई अपग्रेडेशन के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी किए हैं। कर्नाटक, गुजरात, असम और चंडीगढ़ ने इस प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है।
पीएम सेतू योजना को मई 2025 में केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिली थी। इसे 4 अक्टूबर 2025 को प्रधानमंत्री द्वारा औपचारिक रूप से लॉन्च किया गया। योजना का कुल बजट 60,000 करोड़ रुपए है। इसका मुख्य उद्देश्य देश के आईटीआई शिक्षा और प्रशिक्षण तंत्र में मौजूद कमियों को दूर करना और इसे आधुनिक उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप बनाना है।
इस परियोजना के अंतर्गत देशभर के 1,000 सरकारी आईटीआई को उन्नत किया जाएगा। इनमें से 200 आईटीआई ‘हब’ की भूमिका निभाएंगे, जिनमें लगभग चार-चार ‘स्पोक’ आईटीआई जोड़े जाएंगे। हब आईटीआई में अत्याधुनिक मशीनरी, उच्च-तकनीकी लैब और डिजिटल ट्रेनिंग सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जिससे आस-पास के स्पोक आईटीआई को भी लाभ होगा। इसके साथ ही भुवनेश्वर, चेन्नई, हैदराबाद, कानपुर और लुधियाना स्थित पांच एनएसटीआई को वैश्विक स्तर के सेंटर ऑफ एक्सेलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है।
मंत्रालय के अनुसार इस पहल की एक विशेषता इसका उद्योग-नेतृत्व वाला संचालन मॉडल है। प्रत्येक उन्नत आईटीआई को एक स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) के माध्यम से चलाया जाएगा, जिसमें उद्योग की 51 प्रतिशत और सरकार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। यह सह-निवेश मॉडल कंपनियों को आईटीआई उन्नयन में अग्रणी भूमिका देता है, और सरकार इनके निवेश पर करीब 83 फीसदी तक सह-फंडिंग भी प्रदान करेगी।
मंत्रालय का कहना है कि एंकर इंडस्ट्री पार्टनर्स जॉब-लिंक्ड पाठ्यक्रम तैयार करने और अत्याधुनिक लैब और डिजिटल लर्निंग स्पेस विकसित करने में मदद करेंगे। इन पार्टनर्स को प्रशिक्षकों को उद्योग में प्रत्यक्ष अनुभव दिलाने और कैंपस में नवाचार केंद्र स्थापित करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। बदले में उद्योग जगत को प्रशिक्षित एवं तैयार कार्यबल की सुनिश्चित उपलब्धता, अप्रेंटिसशिप की सुविधा, और अपने सीएसआर लक्ष्यों से सीधे जुड़ने का अवसर मिलेगा। यह संरचनात्मक सुधार भारत की कौशल विकास प्रणाली को तेजी से बदलते नौकरी बाजार की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाते हुए युवाओं को भविष्य के रोजगार अवसरों के लिए तैयार करेगा।