क्या उज्जैन में 17.5 लाख रुपए के नकली नोट के साथ 2 आरोपी गिरफ्तार हुए?
सारांश
Key Takeaways
- उज्जैन पुलिस ने 17.5 लाख रुपए के नकली नोट जब्त किए।
- दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
- तीसरा आरोपी फरार है, उसकी तलाश जारी है।
- पुलिस ने छापेमारी में प्रिंटिंग मशीनें और अन्य उपकरण बरामद किए।
- जांच में पता चला है कि ये आरोपी पिछले कुछ वर्षों से सक्रिय थे।
उज्जैन, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को उज्जैन जिले के चिमनगंज क्षेत्र में छापा मारकर 17.5 लाख रुपए के नकली नोट जब्त किए हैं।
पुलिस ने नकली नोटों के कारोबार में शामिल दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जबकि तीसरा आरोपी राजेश बरबाटे फरार है। उसे इस गैंग का सरगना बताया जा रहा है।
उज्जैन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रदीप शर्मा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपियों की पहचान चीनू गौसर और दीपेश चौहान के रूप में हुई है।
उन्होंने कहा कि फरार आरोपी को पकड़ने के लिए व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सूचना के आधार पर उज्जैन पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने इंदौर के गंगा विहार कॉलोनी में राजेश बरबाटे के घर पर छापा मारा।
तलाशी के दौरान प्रिंटिंग मशीनें, हाई-सिक्योरिटी थ्रेड और अन्य उपकरण बरामद किए गए।
एसपी शर्मा ने बताया कि जांच में यह पता चला है कि ये तीनों पिछले कुछ वर्षों से नकली नोट छापने और चलाने में सक्रिय रूप से शामिल थे।
इससे पहले, 2023 में इन तीनों को इंदौर के नीलगंगा और अन्नपूर्णा पुलिस स्टेशनों में नकली नोटों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।
एसपी ने आगे कहा कि क्राइम ब्रांच की टीम ने चिमनगंज पुलिस के साथ मिलकर उज्जैन से दो लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 17.5 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए गए हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है और जांच जारी है।
यह घटना 21 वर्षीय विवेक यादव की गिरफ्तारी के दो हफ्ते बाद हुई है, जिसे 14 नवंबर को भोपाल के करोंद इलाके में नकली मुद्रा कारोबार चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
उसके किराए के फ्लैट की तलाशी के दौरान पुलिस ने 2.25 लाख रुपए के नकली नोट, हाई-एंड प्रिंटिंग मशीनरी, खास तरह का कागज, स्याही और नकली नोट बनाने में इस्तेमाल होने वाले अन्य सामान बरामद किए थे।
पुलिस पूछताछ के दौरान, विवेक यादव ने पिछले एक साल में 5-6 लाख रुपए के नकली नोट सर्कुलेट करने की बात कबूल की थी, जो मुख्य रूप से छोटी दुकानों को टारगेट करते थे।
इस बात की जांच जारी है कि वह अकेले काम कर रहा था या किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा था।
पुलिस ने बताया था कि विवेक यादव 10वीं क्लास तक पढ़ाई की है। उसने ऑनलाइन वीडियो देखकर खास किताबें पढ़कर और प्रिंटिंग प्रेस में पिछली नौकरी के अनुभव का इस्तेमाल करके खुद ही हाई-क्वालिटी नकली करेंसी बनाने की कला सीखी थी।