क्या उज्जैन में भूत-प्रेत का साया बताकर महिला पर बर्बरता की गई?

सारांश
Key Takeaways
- भूत-प्रेत के नाम पर अंधविश्वास
- महिला के प्रति बर्बरतापूर्ण व्यवहार
- पुलिस की सक्रियता
- समाज में अंधविश्वास की समस्या
- न्याय की आवश्यकता
उज्जैन, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उज्जैन जिले के खाचरौद थाना क्षेत्र के ग्राम श्रीवच में 22 वर्षीय महिला पर भूत-प्रेत का साया बताकर बर्बरता के मामले में फरार सभी पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शनिवार को आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया।
महिला थाना पुलिस ने इस मामले में 8 आरोपियों के खिलाफ नामजद प्रकरण दर्ज किया है। गुरुवार को इनमें से तीन को हिरासत में लिया गया था।
उज्जैन के जूना सोमवारिया निवासी 22 वर्षीय उर्मिला चौधरी की शादी इंदौर के गौतमपुरा में हुई है। पति-पत्नी के बीच अनबन के कारण वह मायके में रह रही थी। उर्मिला की अक्सर तबीयत खराब रहती थी, इसलिए उसके अंकल संतोष चौधरी और कान्हा चौधरी ने 29 सितंबर को उसे इलाज के लिए खाचरौद बुलवाया।
उसकी मां हंसाबाई अपनी छोटी बेटी के साथ उर्मिला को लेकर खाचरौद पहुंचीं। रिश्तेदार उसे झाड़-फूंक करने वाली सुगनबाई और उसके बेटे कान्हा उर्फ कन्हैयालाल के पास ले गए, जहां उन्होंने उर्मिला पर भूत-प्रेत का साया होने का दावा किया।
इसके बाद उर्मिला को न केवल बेरहमी से जंजीरों से पीटा गया, बल्कि सुगनबाई और कन्हैयालाल ने आग में पड़ा सिक्का निकालकर उसके माथे पर चिपका दिया और दोनों हथेलियों पर बाती रखकर उसे जलाया, जिससे उसकी दोनों हथेलियां जल गईं और वह बेहोश हो गई।
गुरुवार को मामला सामने आने के बाद महिला थाना पुलिस ने संतोष चौधरी, कान्हा चौधरी, राजू, रितेश, मनोहर उर्फ मनोरिया, सुगनबाई, कान्हा उर्फ कन्हैयालाल दायमा और कन्हैयालाल के खिलाफ केस दर्ज किया।
खाचरौद पुलिस ने गुरुवार को ही झाड़-फूंक करने वाली सुगनबाई के बेटे कन्हैयालाल दायमा और पीड़ित महिला के मायके पक्ष के संतोष और कान्हा चौधरी को हिरासत में ले लिया। इसके बाद फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने निरंतर छापेमारी की। शुक्रवार को पुलिस को सफलता मिली और पांच फरार आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया।