क्या स्वप्ना सुरेश ने पिनाराई विजयन के बेटे को ईडी समन पर सवाल उठाया?

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क्या स्वप्ना सुरेश ने पिनाराई विजयन के बेटे को ईडी समन पर सवाल उठाया?

सारांश

सोने की तस्करी की आरोपी स्वप्ना सुरेश ने हाल ही में एक फेसबुक पोस्ट में पिनाराई विजयन के बेटे विवेक किरण को ईडी समन पर सवाल उठाया है। यह घटना राजनीतिक और मीडिया के बीच महत्वपूर्ण चर्चा का कारण बनी है। जानिए इस मामले में क्या नया है।

Key Takeaways

  • स्वप्ना सुरेश का विवादित बयान
  • ईडी समन पर विवेक किरण का सवाल
  • राजनीतिक और वित्तीय हितों की रक्षा
  • 2018 की घटना का उल्लेख
  • अन्य खुलासों की संभावना

तिरुवनंतपुरम, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सोने की तस्करी के मामले में आरोपी स्वप्ना सुरेश ने शनिवार को एक नई फेसबुक पोस्ट के माध्यम से एक नया विवाद उत्पन्न किया। उन्होंने यह सवाल उठाया कि मलयालम मीडिया अब मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के बेटे विवेक किरण को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भेजे गए समन पर क्यों रिपोर्ट कर रहा है।

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि यदि किसी आम नागरिक का बच्चा ईडी के नोटिस को नजरअंदाज करता है, तो उसकी तुरंत गिरफ्तारी, अदालती कार्यवाही और सार्वजनिक हंगामा शुरू हो जाएगा।

स्वप्ना ने लिखा, "पिता को अच्छी तरह पता है कि यदि ईडी उनके बेटे और बेटी से सही तरीके से पूछताछ करती है, तो सब कुछ घंटी की आवाज़ की तरह साफ और स्पष्ट हो जाएगा।" उन्होंने यह भी कहा कि दोनों को अपने परिवार के राजनीतिक और वित्तीय हितों की रक्षा के लिए बचाया जा रहा है।

उनकी पोस्ट में 2018 की एक घटना का उल्लेख है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि वह अपने पूर्व बॉस - यूएई के महावाणिज्य दूत के साथ एक 'कैप्टन' के घर गई थीं।

स्वप्ना ने लिखा, "कैप्टन ने उन्हें बताया कि उनका बेटा यूएई के एक बैंक में काम करता है और यूएई में एक स्टार होटल खरीदना चाहता है। उस समय मैंने सोचा कि एक बैंक कर्मचारी अकेले इतना निवेश कैसे कर सकता है, जिसका मतलब है कि पिता के पद का दुरुपयोग और अवैध संपत्ति जमा करने से यह सौदा संभव हुआ होगा।"

उन्होंने आगे लिखा कि यदि 'कैप्टन' के घर का सीसीटीवी बिजली गिरने से नष्ट नहीं हुआ होता, तो ईडी जाकर तस्वीरें देख सकता था। और वह अपनी पोस्ट के अंत में कहती हैं कि आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं।

स्वप्ना सुरेश कथित सोने की तस्करी मामले में जेल में रहने के बाद वर्तमान में जमानत पर हैं और वह विजयन के पूर्व प्रधान सचिव एम. शिवशंकर के करीबी संबंध में थीं, जो एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे, लेकिन दो बार जेल भी गए थे।

Point of View

ताकि आम नागरिकों के प्रति न्याय सुनिश्चित किया जा सके। यह मुद्दा न केवल व्यक्तिगत है, बल्कि यह केरल की राजनीतिक संरचना को भी प्रभावित कर सकता है।
NationPress
27/11/2025
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