क्या उम्मीद पोर्टल की समस्याओं का जल्द समाधान होगा: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड?

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क्या उम्मीद पोर्टल की समस्याओं का जल्द समाधान होगा: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड?

सारांश

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने उम्मीद पोर्टल में आ रही तकनीकी समस्याओं के समाधान की मांग की है। वक्फ संपत्तियों का ब्योरा दर्ज कराने में हो रही कठिनाइयां न केवल व्यक्तियों के लिए बल्कि समुदाय के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं।

Key Takeaways

  • उम्मीद पोर्टल में गंभीर तकनीकी समस्याएं हैं।
  • बोर्ड ने तत्काल बैठक का अनुरोध किया है।
  • वक्फ संपत्तियों की संख्या आठ लाख से अधिक है।
  • समस्या का समाधान जल्द से जल्द करने का प्रयास किया जा रहा है।
  • समुदाय की आवाज़ को सुनना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वक्फ संपत्तियों का ब्योरा दर्ज कराने में लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि उम्मीद पोर्टल की धीमी गति, बार-बार क्रैश होने और विभिन्न तकनीकी कठिनाइयों को देखते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने जल्द ही आवश्यक कदम उठाए जाने की मांग की है।

इस मुद्दे पर बोर्ड ने अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री के साथ एक तत्काल बैठक का अनुरोध किया है। बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. एसक्यूआर इलियास ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पोर्टल की समय सीमा बढ़ाने से इनकार करने के बाद, देशभर के मुतवल्ली वक्फ संपत्तियों को अपलोड करने के लिए दौड़ पड़े।

हालांकि, हर जगह से ऐसी रिपोर्टें आ रही हैं कि पोर्टल बार-बार क्रैश हो रहा है, धीमा हो रहा है और कभी-कभी पूरी तरह से बंद हो रहा है। इससे स्पष्ट है कि इतने कम समय में लाखों संपत्तियों को अपलोड करना लगभग असंभव है।

इसलिए, बोर्ड ने अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री के साथ तुरंत बैठक करने, इन समस्याओं की ओर उनका ध्यान आकर्षित करने और अनुरोध करने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने कहा कि उम्मीद है कि पोर्टल से जुड़ी न केवल तकनीकी समस्याओं का समाधान किया जाए, बल्कि पोर्टल की समय सीमा भी बढ़ाई जाए।

बोर्ड के प्रवक्ता के अनुसार, इस संबंध में बोर्ड के महासचिव मौलाना मुहम्मद फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने बुधवार को मंत्री को ईमेल और डाक द्वारा एक पत्र भेजा। महासचिव ने अपने पत्र में मंत्री को याद दिलाया कि सरकार की मंशा थी कि वक्फ बोर्डों में पहले से पंजीकृत सभी वक्फ संपत्तियों को पोर्टल पर अपलोड किया जाए।

हालांकि, पोर्टल की धीमी गति और अन्य तकनीकी समस्याओं के कारण ऐसा नहीं हो सका। इसके अलावा, आठ लाख से अधिक संपत्तियों को अपलोड करने के लिए दी गई अवधि बहुत कम थी। हालांकि, बोर्ड और विभिन्न धार्मिक एवं सामुदायिक संगठनों ने देश भर में कार्यशालाएं आयोजित कीं और कई स्थानों पर हेल्प डेस्क स्थापित किए, फिर भी काम की मात्रा बहुत अधिक थी।

डॉ. इलियास ने आगे कहा कि यदि मंत्री से मिलने का समय मिलता है तो प्रतिनिधिमंडल में बोर्ड के केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ प्रमुख धार्मिक एवं सामुदायिक संगठनों के प्रमुख भी शामिल होंगे।

Point of View

बल्कि यह समुदाय के लिए भी एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है। भारत में अल्पसंख्यक समुदाय की आवाज़ को सुनना और उनकी समस्याओं का समाधान करना समय की आवश्यकता है।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

उम्मीद पोर्टल क्या है?
उम्मीद पोर्टल एक ऑनलाइन प्लेटफार्म है जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का ब्योरा दर्ज करना है।
यहाँ कौन-कौन सी समस्याएं आ रही हैं?
यहाँ धीमी गति, बार-बार क्रैश होना और तकनीकी कठिनाइयाँ शामिल हैं।
क्या सरकार इस मुद्दे पर कोई कदम उठा रही है?
हाँ, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री से तत्काल बैठक का अनुरोध किया है।
क्या वक्फ संपत्तियों की संख्या कितनी है?
वर्तमान में, लगभग आठ लाख वक्फ संपत्तियाँ अपलोड होने की प्रक्रिया में हैं।
इस मुद्दे का समाधान कब होगा?
समाधान की समय सीमा अभी तय नहीं है, लेकिन बोर्ड ने इसे प्राथमिकता में रखा है।
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