क्या यूपी एटीएस ने ग्रेटर नोएडा से फरहान नबी सिद्दीकी को गिरफ्तार किया?

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क्या यूपी एटीएस ने ग्रेटर नोएडा से फरहान नबी सिद्दीकी को गिरफ्तार किया?

सारांश

उत्तर प्रदेश एटीएस ने ग्रेटर नोएडा के कासना क्षेत्र से फरहान नबी सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। उन पर धार्मिक उन्माद फैलाने, अवैध धन लाने और अवैध प्रवासियों को शरण देने के आरोप हैं। यह गिरफ्तारी कई जटिल नेटवर्क और विदेशी लिंक की ओर इशारा करती है।

Key Takeaways

  • फरहान नबी सिद्दीकी की गिरफ्तारी धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप में हुई है।
  • उन्हें ग्रेटर नोएडा के कासना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।
  • उन पर अवैध धन लाने और अवैध प्रवासियों को शरण देने के आरोप हैं।
  • एटीएस ने हवाला नेटवर्क की जांच शुरू की है।
  • यह मामला समाज में शांति और साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा है।

ग्रेटर नोएडा, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वायड) ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए ग्रेटर नोएडा के कासना क्षेत्र से एक व्यक्ति, फरहान नबी सिद्दीकी, को गिरफ्तार किया है। उस पर धार्मिक पुस्तकों की आड़ में विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने, विदेश से अवैध धन लाने और अवैध रूप से देश में रह रहे व्यक्तियों को पनाह देने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

सूत्रों के अनुसार, यूपी एटीएस को यह जानकारी मिली थी कि कासना स्थित एक निजी कंपनी में धार्मिक और साम्प्रदायिक तनाव भड़काने वाली किताबें छापी जा रही हैं और उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में फैलाया जा रहा है। इसके लिए विदेश से हवाला माध्यमों से फंडिंग होने का संदेह भी था।

जांच में यह पाया गया कि फरहान नबी सिद्दीकी, नासी तोर्बा और उनके अन्य सहयोगियों द्वारा इस्तांबुल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, हकीकत वाक्फी फाउंडेशन और रियल ग्लोबल एक्सप्रेस लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनियाँ चलाई जा रही थीं। इन कंपनियों के माध्यम से कासना में धार्मिक पुस्तकों की प्रिंटिंग की जाती थी, जिनकी सामग्री समाज में शत्रुता और उन्माद फैलाने वाली बताई गई है।

गंभीर आरोप यह भी है कि इन कंपनियों में तुर्की और जर्मनी से आने वाले लोगों को बिना किसी सरकारी सूचना या रजिस्ट्रेशन के रोका जाता था, और अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशियों को शरण दी जाती थी। इसके अलावा, फरहान और नासी तोर्बा द्वारा हवाला नेटवर्क के जरिए लगभग 11 करोड़ रुपए विदेश से लाने की बात सामने आई है। इस धन का उपयोग उत्तर प्रदेश के अमरोहा और पंजाब में मदरसों, मस्जिदों और कंपनियों के नाम पर भूमि खरीदने में किया गया।

एटीएस ने पर्याप्त साक्ष्य जुटाने के बाद कासना से इस्तांबुल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के सह-निदेशक फरहान नबी सिद्दीकी को गिरफ्तार किया। एजेंसी द्वारा वित्तीय लेनदेन, विदेशी संपर्कों और प्रकाशन सामग्री की विस्तृत जांच जारी है। साथ ही संबंधित कंपनियों और अन्य व्यक्तियों की भी भूमिका की छानबीन की जा रही है। एटीएस आगामी दिनों में गिरफ्तार आरोपी का रिमांड लेकर गहन पूछताछ करेगी ताकि हवाला नेटवर्क, विदेशी लिंक और अवैध गतिविधियों से जुड़े अन्य चेहरों की पहचान की जा सके।

Point of View

ताकि समाज में शांति और समरसता बनी रहे।
NationPress
08/11/2025

Frequently Asked Questions

फरहान नबी सिद्दीकी कौन हैं?
फरहान नबी सिद्दीकी एक व्यक्ति हैं जिन्हें यूपी एटीएस ने धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
उन्हें किस क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया?
उन्हें ग्रेटर नोएडा के कासना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।
उन पर क्या आरोप हैं?
उन पर धार्मिक पुस्तकों की आड़ में वैमनस्य फैलाने, अवैध धन लाने और अवैध प्रवासियों को शरण देने के आरोप हैं।
क्या यह गिरफ्तारी एक बड़े नेटवर्क से जुड़ी है?
हां, यह गिरफ्तारी कई जटिल नेटवर्क और विदेशी लिंक की ओर इशारा करती है।
यूपी एटीएस क्या कर रही है?
यूपी एटीएस इस मामले में गहन जांच कर रही है और अन्य संबंधित व्यक्तियों की भूमिका की छानबीन कर रही है।